अदालत ने सरकार से जानना चाहा कि सभी को भोजन और राशन उपलब्ध कराने के लिए कौन सा तंत्र विकसित किया जाएगा. दो जजों की पीठ ने सरकार की घोषणा की याद दिलाते हुए यह भी कहा कि राशन कार्ड के लिए जिन लोगों ने आवेदन किया है या जो नहीं कर पाए हैं, उन्हें भी खाद्य सामग्री देने का जो ऐलान किया गया है, उसे तत्काल लागू किया जाए. सरकार ऐसी व्यवस्था करे कि सभी को राशन मिल सके.
दिल्ली समेत कई राज्यों ने किया इंतजाम
दरअसल, देश की राजधानी दिल्ली समेत कई राज्यों में लॉकडाउन के मद्देनजर विभिन्न सरकारों ने जरूरतमंद लोगों को खाद्य सामग्री मुहैया कराने के लिए प्रशासन को निर्देश दे रखे हैं. साथ ही जिन लोगों के पास राशन कार्ड है, उन्हें जनवितरण प्रणाली की दुकानों से राशन दिया जा रहा है. दिल्ली, एमपी, छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों ने अपने यहां बिना कार्ड के भी राशन देने के निर्देश दिए हैं. बिहार में राज्य सरकार ने इसके लिए राशन कार्ड बनाने में तेजी लाने की कवायद शुरू की है, तो राजस्थान में जिनके पास कार्ड नहीं हैं, उन्हें राहत सामग्री देने की व्यवस्था की जा रही है. यूपी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी जरूरतमंदों को खाद्यान्न पहुंचाने के निर्देश दिए हैं.कहां क्या इंतजाम
दिल्ली – लॉकडाउन के दौरान बिना राशन कार्ड के मुफ्त राशन देने की योजना पर दिल्ली सरकार पिछले लगभग 2 हफ्ते से काम कर रही है. सरकार ने ऐलान किया है कि बगैर राशन कार्डधारी व्यक्ति को 5-5 किलो राशन फ्री दिया जाएगा. इसके लिए लोगों को सरकार की वेबसाइट पर फॉर्म भरना होगा, ताकि सबका पंजीकरण हो जाए और सभी जरूरतमंदों को राशन मिल सके. सरकार ने 10 लाख लोगों को फ्री राशन देने की व्यवस्था करने का दावा किया है.
बिहार –
सीएम नीतीश कुमार ने कुछ दिन पहले राशन कार्डधारियों के खाते में एक हजार रुपए भेजने का ऐलान किया. बैगर राशन कार्डधारी परिवार को भी यह सहायता राशि दी जाएगी. जिन परिवारों के पास राशन कार्ड नहीं है, उन्हें जीविका समूहों के जरिए चिह्नित कर मदद की जाएगी. इसके अलावा सरकार ने बिहार से बाहर रहने वाले राशन कार्डविहीन परिवारों को भी एक-एक हजार रुपए देने की घोषणा की है.
यूपी –
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लॉकडाउन के दौरान कोई भी व्यक्ति भूखा न रहे, इसको लेकर हाल ही में निर्देश जारी किए हैं. अधिकारियों के साथ बैठक में उन्होंने साफ किया कि यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रदेश में किसी को खाद्यान्न का अभाव न हो. बताया गया कि प्रदेश में 3.5 करोड़ राशन कार्ड के सापेक्ष अब तक 3.06 करोड़ राशन कार्डों पर खाद्यान्न बांटे गए हैं. साथ ही 2.5 लाख नए राशन कार्ड बनाकर भी खाद्य सामग्री का वितरण किया गया है.
राजस्थान –
कोरोना संकट के मद्देनजर लॉकडाउन को देखते हुए बगैर राशन कार्ड वाले लोगों को खाद्य सामग्री देने की व्यवस्था राजस्थान में नहीं है. लेकिन सीएम अशोक गहलोत सरकार ने राज्य के मुफ्त में 10 किलो गेहूं देने की योजना बनाई है. सीएम ने बीते दिनों यह ऐलान भी किया था कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के दायरे में नहीं आने वालों को भी गेहूं दिया जाएगा. इसके लिए सरकार ने बाजार से गेहूं खरीदने की भी बात कही है. इससे राज्य के 60 लाख लोगों को लाभ होगा.
हिमाचल –
लॉकडाउन के बीच जरूरतमंद लोगों को राशन देने की योजना पर हिमाचल सरकार भी काम कर रही है. सरकार ने बिना राशन कार्ड के भी लोगों को राशन बांटा है. जो लोग डिमांड कर रहे हैं, उन्हें राशन दिया जा रहा है. इसके अलावा राशन कार्ड पर डिपो से राशन मिल रहा है.
मध्य प्रदेश –
25 मार्च से लागू लॉकडाउन के बाद ही एमपी की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने गरीबों और जरूरतमंद लोगों को बगैर राशन कार्ड भी राशन उपलब्ध कराने का ऐलान किया था. सरकार ने 1 अप्रैल से ही राशन बांटने की घोषणा की थी. इसके लिए सड़कों और फुटपाथ पर जीवन बसर करने वाले बेसहारा लोगों की सूची बनाने का निर्देश जिला खाद्य कार्यालयों को दिया गया था. योजना के तहत लोगों को 16 किलो गेहूं, 4 किलो चावल मुफ्त देने का इंतजाम है.
छत्तीसगढ़ –
लॉकडाउन लागू होने के बाद ही राज्य की भूपेश बघेल सरकार ने लोगों को 2 महीने का एडवांस राशन देने का ऐलान किया था. सरकार की योजना के मुताबिक बीपीएल परिवारों को जहां दो महीने, वहीं एपीएल परिवारों को एक महीने का एडवांस राशन देने की व्यवस्था की गई है. ये राशन सभी लोगों को राशन केंद्रों से लेने को कहा गया है.
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