लंदन/नई दिल्ली: क्रिकेट सट्टेबाजी के सरगना संजीव चावला (Sanjeev Chawla) को बुधवार के दिन भारत प्रत्यर्पित किया गया है. उसे गुरुवार को लंदन से दिल्ली लाया जाएगा. संजीव चावला कथित तौर पर एक मैच फिक्सिंग रैकेट में शामिल था, जिसका पर्दाफाश दिल्ली पुलिस ने वर्ष 2000 में किया था.
डी-कंपनी के लिए 1990 के दशक में प्रमुख सट्टेबाज बना लंदन निवासी बिजनेसमैन संजीव चावला इंग्लैंड से 1992 में भारत से हुई प्रत्यर्पण संधि के बाद इसके तहत भारत लाया जाने वाला दूसरा व्यक्ति होगा.
Delhi Police sources: Sanjeev Chawla, who was allegedly involved in a match-fixing racket that was busted by the Delhi Police in the year 2000, has been extradited from London and will arrive in Delhi tomorrow. pic.twitter.com/maVEFcqXgR
— ANI (@ANI) February 12, 2020
गुरुवार सुबह दिल्ली पहुंचेगा
सूत्रों ने कहा कि चावला एयर इंडिया के विमान से गुरुवार तड़के नई दिल्ली पहुंच सकता है. चावला को हिरासत में लेने के लिए दिल्ली पुलिस के उपायुक्त (अपराध) राम गोपाल नाइक अपनी टीम के साथ लंदन में हैं और गृह विभाग के आदेश का इंतजार कर रहे थे.
डी-कंपनी के धन को सुरक्षित ठिकाने लगाया
सूत्रों ने कहा कि चावला ने मुंबई के उद्योगपतियों और डी-कंपनी के संचालकों के संरक्षण में 90 के दशक के अंतिम पड़ाव के सबसे बड़े सट्टेबाजी गिरोहों में से एक गिरोह का संचालन किया था. जहां चावला ने दक्षिण अफ्रीका, भारत, पाकिस्तान और अन्य देशों के शीर्ष क्रिकेटरों के माध्यम से मैच फिक्स किए, वहीं डी-कंपनी ने उस धन को अंतर्राष्ट्रीय हवाला के माध्यम से सुरक्षित ठिकाने पर लगाना सुनिश्चित किया.
कई बड़े चेहरे बेनकाब होंगे
साल 2000 में खेल जगत को हिला कर रख देने वाले मैच फिक्सिंग कांड के समय दिल्ली पुलिस के आयुक्त रहे अजय राज शर्मा ने कहा, “चावला को 19 साल बाद भारत लाया जा रहा है तो दिल्ली में उससे पूछताछ में क्रिकेट जगत के कई बड़े चेहरे बेनकाब होंगे.”
अजहरुद्दीन पर लगा था बैन
तब शर्मा की निगरानी में ही जांच हुई थी, जिसके बाद दक्षिण अफ्रीकी टीम के कप्तान हैंसी क्रोनिए और उनके बाद भारतीय कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन को ‘जेंटलमेंस गेम’ से आजीवन प्रतिबंधित कर दिया गया.
नीरज कुमार ने भी देखी जांच
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के महानिदेशक के तौर पर शर्मा के सेवानिवृत्त होने के बाद उन पदों पर रहने वालों ने जांच देखी. साल 2013 में तत्कालीन पुलिस आयुक्त नीरज कुमार ने टीम को जांच पूरी करने और आरोप पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया.
नीरज कुमार ने कहा था, “नौकरी के अंतिम दिन मैंने मैच फिक्सिंग घोटाले की (आरोप पत्र) फाइल पर हस्ताक्षर किए. बाद में जब मैं रिटायर्ड हो गया तब कथित रूप से इंग्लैंड में छिपे संजीव चावला के प्रत्यर्पण के लिए मैंने तत्कालीन जॉइंट पुलिस आयुक्त (अपराध) आलोक कुमार के साथ काम शुरू किया. मैं मामले से जुड़े क्राइम ब्रांच के अधिकारियों का आभारी हूं.”
स्पॉट फिक्सिंग कांड का खुलासा
कुमार ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में भी स्पॉट फिक्सिंग कांड का खुलासा किया, जिसमें भी कई शीर्ष क्रिकेटर फंस गए. स्पॉट फिक्सिंग कांड डी-कंपनी के सरगना दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोग छोटा शकील के संरक्षण में हुआ.