ताइपे: चीन के कड़े विरोध के बावजूद चेक गणराज्य के उच्च सदन सीनेट के अध्यक्ष मिलोस विस्त्रसिल रविवार को एक बड़े प्रतिनिधिमंडल के साथ ताइवान पहुंचे. ताइवान के विदेश मंत्री जोसेफ वू ने हवाई अड्डे पर जाकर प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया और इसे दोनों देशों के बीच बढ़ते संबंधों का प्रतीक बनाया.
प्रतिनिधिमंडल में 80 से ज्यादा प्रतिनिधि शामिल
चेक पहुंचे प्रतिनिधिमंडल में प्राग के महापौर जेनेक हरिब और व्यापार- अकादमिक जगत के 80 से ज्यादा प्रतिनिधि शामिल हैं. यह प्रतिनिधिमंडल दोनों देशों के बीच व्यापार, अकादमिक और राजनीतिक संबंध बढ़ाने पर बातचीत करेगा.
बीजिंग ने प्रतिनिधिमंडल के दौरे पर आपत्ति जताई
बीजिंग ने चेक प्रतिनिधिमंडल की यात्रा पर कड़ी आपत्ति जताई है. चीन ने पिछले सप्ताह विस्त्रसिल की यात्रा पर कमेंट करते हुए इसे चीन-चेक संबंधों की राजनीतिक आधारशिला को कमजोर करने वाला कदम बताया था.
ताइवान को अपना टूटा हिस्सा मानता है चीन
बता दें कि ताइवान को चीन अपना टूटा हुआ हिस्सा मानता है. जिसे अपने में मिलाने के लिए वह कई सालों से कोशिश कर रहा है. यही वजह है कि जब भी कोई देश ताइवान के साथ संबंध स्थापित करने की कोशिश करता है तो वह कड़ी आपत्ति व्यक्त करता है. वहीं ताइवान खुद को संप्रभु देश मानता है.
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चीन के विरोध की वजह से ताइवान को विश्व संस्थाओं की नहीं मिली है सदस्यता
चीन के विरोध की वजह से ताइवान को UN समेत विश्व की तमाम बड़ी संस्थाओं की सदस्यता से आज तक बाहर रखा गया है. इसी महीने अमेरिका के हेल्थ मिनिस्टर ने ताइवान की यात्रा की थी. जिस पर भी चीन के कड़ी प्रतिक्रिया जताई थी.
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