नई दिल्ली: अपने जमाने की मशहूर अदाकारा आशा पारेख को इस साल दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से नवाजा जाएगा। इस बारे में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने जानकारी दी। 30 सितंबर को उन्हें यह अवॉर्ड दिया जाएगा। आशा पारेख अभिनेत्री के साथ-साथ प्रोड्यूसर एवं डायरेक्टर भी रही हैं। इससे पहले उन्हें भारत सरकार की ओर से पद्मश्री से भी सम्मानित किया जा चुका है।
आशा पारेख ने बाल कलाकार के तौर पर की शुरुआत
आशा पारेख का जन्म 2 अक्टूबर 1942 को गुजरात के एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत बाल कलाकार के रूप में बेबी आशा पारेख नाम से की थी। प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक बिमल रॉय ने उन्हें समारोह में नृत्य करते देखा और उन्हें 10 साल की उम्र में फिल्म मां (1952) में लिया और फिर उन्हें बाप बेटी (1954) में दोबारा भूमिका करने का मौका दिया।
22 साल बाद किसी महिला को मिला दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड
22 साल में ये पहली बार हुआ है, जब किसी महिला को दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित किया गया हो। आखिरी बार साल 2000 में सिंगर आशा भोसले को ये अवॉर्ड दिया गया था, जिसके बाद आशा पारेख ये जीतने वाली पहली महिला हैं। आशा पारेख से पहले आशा भोसले, लता मंगेशकर, दुर्गा खोटे, कानन देवी, रूबी मेयर्स, देविका रानी भी इस अवॉर्ड को हासिल कर चुकी हैं। बता दें कि साल 1969 में देविका रानी ये अवॉर्ड हासिल करने वाली पहली एक्ट्रेस थीं।
लाइफ टाइम अचीवमेंट और पद्मश्री अवॉर्ड
आशा पारेख ने बॉलीवुड की करीब 95 फिल्मों में काम किया है। साल 1999 में आई फिल्म ‘सर आंखों पर’ वे आखिरी बार नजर आई थीं। आशा को 11 बार लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है। वहीं 1992 में उन्हें भारत सरकार की ओर से देश के प्रतिष्ठित सम्मान पद्मश्री से सम्मानित किया था।