Friday, February 7, 2025
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DNA ANALYSIS: China is cheating the whole world | DNA ANALYSIS: टेस्टिंग किट्स की ‘क्वालिटी’ में चीन की ‘घटिया सोच’ का ‘विश्वव्यापी टेस्ट’

नई दिल्ली: चीन ने पहले पूरी दुनिया में कोरोना वायरस की सप्लाई की, और अब घटिया Testing Kits और Medical उपकरणों की सप्लाई करके चीन पूरी दुनिया को धोखा दे रहा है, जिसका शिकार अब भारत भी बन गया है. 

चीन ने 16 अप्रैल को भारत में कोरोना वायरस की जांच के लिए करीब साढ़े 6 लाख , Rapid Anti Body Testing Kits सप्लाई की थी, उनमें से ज्यादातर Quality Test में फेल हो गई हैं. 

राजस्थान और तमिलनाडु समेत कई राज्य सरकारों ने शिकायत की है कि करीब 95 प्रतिशत Testing Kits में गड़बड़ियां पाई गई हैं जो गलत नतीजे दिखा रही हैं. 

इन Test Kits के नतीजों में 6 प्रतिशत से 71 प्रतिशत तक का उतार-चढ़ाव दिख रहा है. इन शिकायतों के बाद मंगलवार को Indian Council Of Medical Research यानी ICMR ने दो दिनों के लिए इन Testing Kits के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है.

अब ICMR से जुड़े आठ संस्थानों की On Ground Teams, इन Rapid Testing Kits की जांच कर रही हैं. 

खून में Anti-Body के आधार पर नतीजे बताने वाली इन Kits में पाईं गईं गड़बड़ियों के बाद ICMR ने कहा है कि अगर जरूरत पड़ी तो इन Kits को बदलने के लिए भी कहा जा सकता है. 

ये जानते हुए भी, कि कोरोना टेस्ट के गलत नतीजों से हजारों लोगों की जिदंगी को खतरा हो सकता है, चीन ने भारत के साथ ये खिलवाड़ किया है. इसके बावजूद चीन को इस पर कोई अफसोस नहीं है. भारत में चीन के दूतावास की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि चीन, Medical Products के निर्यात को बहुत अहमियत देता है लेकिन सामान खरीदने वाले देशों को इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि वो Certified Companies से ही सामान खरीदें. 

यानी उल्टा चोर, कोतवाल को डांटे. वैसे ये चीन की पुरानी आदत है. Testing Kits से पहले चीन ने दान के तौर पर भारत में जो Personal Protection Equipment यानी PPE Kits सप्लाईं की थीं, उनमें करीब चालीस प्रतिशत PPE Kits…Quality Test पास नहीं कर सकी थीं. 

5 अप्रैल तक भारत में चीन से करीब 1 लाख 70 हजार PPE Kits भेजी गई थीं. जिनकी Defence Research And Development Organisation यानी DRDO ने जांच की, जिसमें करीब 63 हजार PPE Kits, तय मानकों पर खरी नहीं उतरीं.

जांच में कहा गया है कि इन घटिया PPE Kits के इस्तेमाल से डॉक्टरों, नर्सों और मेडिकल स्टाफ के संक्रमित होने का खतरा है. 

अब भारत इन PPE Kits को वापस भेजने का फैसला ले चुका है. वैसे भारत, इकलौता देश नहीं है जिसे चीन ने धोखा दिया है, दुनिया के कई देशों के साथ चीन ने ये भद्दा मजाक किया है. 

इटली समेत यूरोप का शायद ही ऐसा कोई देश है जो कोरोना महामारी के बीच चीन की धोखेबाजी का शिकार ना हुआ हो.  स्पेन, CZECH REPUBLIC (चेक रिपब्लिक), SLOVAKIA (स्लोवाकिया), TURKEY (टर्की), FINLAND और ब्रिटेन की Health Authorities ने चीन से आईं Test Kits की Quality को लेकर शिकायतें की हैं. 

नीदरलैंड ने तो अपने अस्पतालों से 6 लाख Face Masks लौटाने के लिए कहा था, जो चीन से मंगवाए गए थे और उनके Filter काम नहीं कर रहे थे. 

मेक्सिको ने भी 17 अप्रैल को चीन से आए Gloves, Masks और Gowns समेत मेडिकल सप्लाई को ये कहकर खारिज कर दिया कि उनकी क्वालिटी बेहद घटिया है. 

यहां तक कि चीन, अपने सदाबहार दोस्त पाकिस्तान को N-95 मास्क के नाम पर Under Garments (अंडर गारमेंट्स) से बने Masks की सप्लाई कर चुका है. जिन्हें पाकिस्तान सरकार ने अस्पतालों में भी पहुंचा दिया । इसे लेकर पाकिस्तान सरकार की काफी किरकिरी भी हो चुकी है. 

कई देशों में ऐसी शिकायतें भी आईं हैं, जिनमें चीन से सप्लाई की गई PPE Kits पहनते ही फट रही हैं और Face Masks चेहरे पर फिट नहीं आ रहे हैं. 

सोचिये, जो देश, कोरोना संकट से लड़ रही दुनिया को धोखा देने से भी परहेज नहीं कर रहा, उससे और क्या उम्मीद की जा सकती है. लेकिन इतना सब होने के बावजूद चीन अपनी गलती मानने को तैयार नहीं है. घटिया क्वालिटी के मेडिकल सामान की सप्लाई पर चीन, दुनिया के सामने कैसे सफाई दे रहा है और कौन सी दलीलें पेश कर रहा है, ये आपको भी सुनना चाहिए. 

एक तो चोरी, ऊपर से सीनाजोरी. जिस तरह चीन, घटिया क्वालिटी की Medical Supplies पर अपना बचाव कर रहा है. उस पर ये कहावत एकदम फिट बैठती है. 

लेकिन सच ये भी है कि कोरोना से लड़ती दुनिया के पास चीन के अलावा किसी दूसरे देश से Testing Kits और Medical Supplies मंगवाने के ज्यादा विकल्प नहीं हैं. क्योंकि कोरोना संक्रमण को काबू में करने के बाद चीन में Lockdown खत्म हो चुका है और वहां Production दोबारा शुरु हो गया है. जबकि बाकी देश, जो मेडिकल सप्लाई कर सकते थे, वो अभी भी कोरोना संक्रमण से निपटने में जुटे हैं. इसी का फायदा चीन उठा रहा है और खराब क्वालिटी की मेडिकल सप्लाई से मुनाफा कमा रहा है. 

लेकिन अब भारत समेत दुनिया के कई देशों ने Testing Kits के लिए चीन के बजाय दक्षिण कोरिया, जापान और सिंगापुर जैसे देशों पर भरोसा करना शुरु कर दिया है, जो कोरोना संक्रमण से कम प्रभावित हैं. 

मलेशिया और अमेरिका जैसे देश पहले से ही Testing Kits के लिए दक्षिण कोरिया को ऑर्डर दे चुके हैं और अब भारत में भी इसकी शुरुआत हो चुकी है. 

भारत ने दक्षिण कोरिया की कंपनियों को 5 लाख Rapid Testing Kits का ऑर्डर दिया है जिसमें से पहली 50 हजार Kits, 30 अप्रैल तक भारत पहुंच जाएंगी. 

हरियाणा सरकार ने चीन की कंपनियों को दिया गया, एक लाख दस हजार Testing Kits का ऑर्डर कैंसिल कर दिया है और दक्षिण कोरिया की कंपनी को एक लाख Testing Kits का नया ऑर्डर दिया है. इनमें 25 हजार Kits सप्लाई भी की जा चुकी है.  इन Kits की कीमत चीन के मुकाबले करीब आधी हैं. 

इससे पहले आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और छ्त्तीसगढ़ सरकार ने भी Testing Kits की सप्लाई के लिए चीन के बजाय दक्षिण कोरिया की कंपनियों को चुना था. 

चीन को आईना दिखाना जरूरी है. क्योंकि दुनिया को घटिया क्वालिटी के मेडिकल सामान की सप्लाई करके चीन, सिर्फ मुनाफा ही नहीं कमा रहा है बल्कि कोरोना महामारी के खिलाफ दुनिया की इस लड़ाई को भी कमजोर कर रहा है. 




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