मुंबई:
ईडी ने बैंक धोखाधड़ी मामले में जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल को कोर्ट में पेश किया. नरेश गोयल को शुक्रवार रात ईडी ने दिन भर की लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था. धनशोधन का मामला केनरा बैंक में 538 करोड़ रुपये के कथित धोखाधड़ी मामले में जेट एयरवेज, गोयल, उनकी पत्नी अनीता और कंपनी के कुछ पूर्व अधिकारियों के खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी से सामने आया है.
1152 करोड़ रुपये कंसल्टिंग फीस के लिए दिया गया
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कोर्ट में ईडी ने कहा, “जेट कंपनी ने बैंक से लोन लिया है. बैंको के कंसोर्टियम के जरिए. कर्ज ऑपरेशनल काम के लिए लिया गया था, जिसमें 6000 करोड़ बकाया है. लेकिन उसमें से 1152 करोड़ रुपये कंसल्टिंग फीस के लिए दिया गया. कंसोर्टियम की एक बैंक केनरा ने दिल्ली में एफआईआर कराई थी, जिसके आधार पर ईडी ने मामला दर्ज किया है. 2500 करोड़ इसी तरह सिस्टर कंपनी जेट लिट लिमिटेड को कर्ज दिया और बाद में उसे माफ कर दिया गया. इसके अलावा 9.46 करोड़ व्यक्तिगत खर्चे के लिए इस्तेमाल किया गया.”
2011 से 2019 तक ये सब हेराफेरी की गई
ईडी ने कोर्ट में कहा कि विदेश में इनकी कंपनियां हैं. वहां पैसे डायवर्ट किया गया है. 2011 से 2019 तक ये सब हेराफेरी की गई है. पैसे कहां गए, इस बारे में जानना है. इसके लिए पूछताछ करना चाहते हैं. इसलिए 14 दिन की कस्टडी दी जाए.
जेट एयरवेज के अध्यक्ष के रूप में अपनी शक्ति का दुरुपयोग किया
ईडी ने आरोप लगाया कि नरेश गोयल की बेटी नम्रता गोयल के प्रोडक्शन हाउस और घरेलू स्टाफ की सैलरी के लिए पैसे का इस्तेमाल किया गया. नरेश और अनिता गोयल द्वारा पैसा फर्नीचर और आभूषण खरीदने के लिए उपयोग किया गया है. मुंबई और दिल्ली में प्रॉपर्टी के लिए घर की तलाश की गई. इसमें बहुत सारी जानकारियां थीं. अगस्त में दो बार समन जारी किया गया, लेकिन नहीं पहुंचे. पूर्व सीएफओ अमित अग्रवाल ने गवाह का बयान दर्ज किया है. नरेश गोयल ने बाकी बोर्ड मेंबर्स को बताए बिना अपने अधिकार से पैसा जारी कर दिया. नरेश गोयल ने जेट एयरवेज के अध्यक्ष के रूप में अपनी शक्ति का दुरुपयोग किया.
सीबीआई की एफआईआर के आधार पर ईडी मनी लांड्रिंग की जांच कर रही
मामला केनरा बैंक के 538 करोड़ रुपये के घोटाले से जुड़े इस मामले की जांच सीबीआई पहले से कर रही है. उस मामले में नरेश गोयल की पत्नी अनिता और जेट एयरवेज एयरलाइन के डायरेक्टर रहे गौरंग आनंद शेट्टी के साथ कुछ अन्य लोग भी आरोपी हैं. सीबीआई की एफआईआर के आधार पर ईडी मनी लांड्रिंग की जांच कर रही है. सीबीआई की एफआईआर के मुताबिक, केनरा बैंक द्वारा शिकायत में आपराधिक साजिश, आपराधिक विश्वासघात और आरोपियों द्वारा आपराधिक कदाचार का आरोप लगाया गया था, जिससे बैंक को 538.62 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. शिकायत में कहा गया है कि टेल विंड्स लिमिटेड द्वारा प्रवर्तित जेआईएल, गोयल और उनके सहयोगियों के स्वामित्व वाली एक विदेशी कंपनी है. यह 2005 से केनरा बैंक के साथ काम कर रहा था.
हालांकि, अगस्त 2018 से कंपनी ने दावा किया कि वह तरलता और परिचालन संबंधी समस्याओं का सामना कर रही है. जिसके बाद भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम ने जेट के खिलाफ कॉर्पोरेट दिवालियापन के लिए समाधान शुरू करने का फैसला किया. जून 2019 में केनरा बैंक में रखे गए खाते खराब संपत्ति में बदल गए. शिकायत में यह भी आरोप लगाया गया है कि जेट लाइट (इंडिया) लिमिटेड एक सहायक कंपनी है, जिसके माध्यम से अग्रिम राशि देकर और बाद में रकम को बट्टे खाते में डालकर कथित तौर पर धन की हेराफेरी की गई.
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