इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) की विश्वसनीयता को लेकर उठते तमाम सवालों के बीच देश के मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) सुनील अरोड़ा ने कहा कि ‘अधिकतर पार्टियों’ ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) में अपना भरोसा जताया है. उन्होंने हालांकि यह खेद जताया कि कुछ तबकों (राजनीतिक दलों) ने इसे ‘जानबूझकर विवाद’ का मसला बनाया.
मंगलवार को आंध्र प्रदेश के अमरावती में अरोड़ा ने कहा कि EVM के साथ छेड़छाड़ करने और उनके खराब होने में फर्क है और ‘अब तक EVM के साथ छेड़छाड़ का कोई भी मामला साबित नहीं हुआ है.’
Chief Election Commissioner Sunil Arora says most political parties have reposed their faith in EVMs.
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— All India Radio News (@airnewsalerts) February 13, 2019
बहरहाल, सीईसी ने विभिन्न पार्टियों की VVPAT पर्चियों की गणना की मांग पर कोई वादा नहीं किया, हालांकि कहा कि VVPAT पर जागरूकता पैदा करने के लिए एक अभियान शुरू किया जाएगा.
अरोड़ा ने कहा, ‘अधिकतर पार्टियों ने EVM के जरिए मतदान में अपना भरोसा जताया है, हालांकि कुछ पार्टियों ने और VVPAT पर्चियों की गणना को कहा है. कुछ दल चाहते हैं कि यह मशीनें (EVM) मतदान के लिए किस तरह से काम करती हैं, इसकी व्यावहारिक प्रस्तुति (Presentation) दी जाए ताकि मतदाताओं को इससे परिचित कराया जा सके कि इनका इस्तेमाल कैसे करना है.
सुनील अरोड़ा
पूर्व आईएएस अधिकारी ने कहा कि EVM ने 2014 में एक विशेष परिणाम दिया. उन्होंने कहा, ‘उसके बाद, दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र, बिहार, मध्य प्रदेश, त्रिपुरा, मिजोरम में चुनाव हुए और वहां के परिणाम अलग रहे, लेकिन EVM को जानबूझकर विवाद का मसला क्यों बनाया जा रहा है?’
अरोड़ा ने कहा कि भारतीय सांख्यिकी संगठन और राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन (NSSO) के विशेषज्ञ VVPAT की गणना की संभावना पर अपनी रिपोर्ट जल्द ही सौंपेंगे.