- पीसीसी चीफ के तौर पर बीते दो दशक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन
- पहली बार 5 महापौर जिताए, पंद्रह साल बाद सरकार भी बनाई थी
भोपाल।करीब 40 साल के संसदीय जीवन के बाद वरिष्ठ नेता कमलनाथ का मध्यप्रदेश की राजनीति में पदार्पण कांग्रेस के लिए शुभ साबित हो रहा है। कमलनाथ के नेतृत्व में नगरीय निकाय चुनाव में उतरी कांग्रेस ने प्रदेश में पहली बार 5 नगर निगमों पर कब्जा किया है। इनमें ग्वालियर में 57 साल बाद कांग्रेस का महापौर चुना गया, छिंदवाड़ा और मुरैना में पहली बार। 23 साल बाद जबलपुर और 24 साल रीवा में कांग्रेस नगर सरकार चलाएगी।
दिग्विजय सिंह की अगुवाई में लगातार दस साल तक प्रदेश में राज करने वाली कांग्रेस साल 2003 में सत्ता से बाहर होने के बाद पंद्रह साल तक वापस नहीं लौट पाई थी। इस बीच उसने दिग्गज ओबीसी नेता सुभाष यादव, ब्राह्मण नेता सुरेश पचौरी, आदिवासी नेता कांतिलाल भूरिया और सुभाष यादव के पुत्र अरुण यादव तक को अध्यक्ष बना कर चुनाव मैदान में दांव आजमाए। हर बार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनकी पार्टी बीजेपी कांग्रेस की तमाम उम्मीदों पर पानी फेरते रहे। साल 2015 में हुए नगर निगम चुनाव में तो प्रदेश की सभी 16 नगर निगम बीजेपी ने जीत लिए थे।
कांग्रेस को सत्ता का स्वाद कमलनाथ के मध्यप्रदेश में आने के बाद नसीब हुआ। मजदूर दिवस के दिन एक मई 2018 को पीसीसी चीफ की कुर्सी संभालने के कुछ महीनों बाद कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस ने साल 2018 में प्रदेश में 15 साल बाद सरकार बनाई। कभी कांग्रेस चुनाव कैंपेन कमेटी के चेयरमैन की हैसियत से कमलनाथ के साथ कदमताल करने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया के पार्टी छोड़ने कारण पंद्रह महीने में ही प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हो गया। इसके बाद कयास लगने लगे कि कमलनाथ मध्यप्रदेश की राजनीति छोड़ दिल्ली का रूख करेंगे, लेकिन नाथ हर बार इसे खारिज कर प्रदेश में कांग्रेस को मजबूत करने में लगे रहे। सत्ता गंवाने के बाद उनके पीसीसी चीफ रहते दो साल पहले हुए 28 सीटों के उपचुनाव में 9 पर कांग्रेस को संतोष करना पड़ा। इसके बाद हुआ दमोह का विधानसभा उपचुनाव कांग्रेस ने जीता।
नगरीय निकाय चुनाव में इस बार कांग्रेस टिकटों का बंटवारा कमलनाथ ने ही किया। पार्टी के लिए उसके सुखद नतीजे आए। पहली बार कांग्रेस मध्यप्रदेश में 5 नगर निगमों में अपने महापौर बनवाने में सफल रही। उज्जैन और बुरहानपुर के महापौर का चुनाव महज 500 वोट के करीबी मुकाबले से कांग्रेस हारी। इससे पहले महापौर चुनाव में इतनी बड़ी सफलता कांग्रेस को कभी नहीं मिली है। इस कमाल का श्रेय तमाम नेता कमलनाथ को दे रहे है। पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी और राष्ट्रीय महसचिव प्रियंका गांधी ने प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व और कार्यकर्ताओं को बधाई दी है। पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी के अनुसार कमलनाथ के नेतृत्व में मिली यह जीत अद्वितीय है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी कमलनाथ और कांग्रेसजनों को इस जीत का श्रेय दिया है। नगर निगम में मिली सफलता के साथ ही यह जरूर है कि नगर पालिका और नगर परिषद चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन अपेक्षाकृत कमजोर रहा। इन परिणामों से लगभग तय माना जा रहा है कि अगला विधानसभा चुनाव भी कांग्रेस कमलनाथ के नेतृत्व में ही लड़ेगी। बता दें कि कांग्रेस के संगठन चुनाव की प्रक्रिया जारी है और मध्यप्रदेश कांग्रेस में कमलनाथ चुनौतीविहीन माने जा रहे हैं।
नगर निगमों में कांग्रेस का प्रदर्शन
साल जीते
1999 02
2004 02
2009 03
2015 00
2022 05