- इंदौर में पत्रकारों को धमकाया, नाथ के सुरक्षा गार्ड ने पत्रकारों को धक्वा देकर बाहर निकाला
- 84 में सिखों का दमन करने वाली गैंग के सदस्य का असली चेहरा आया सामने
- पत्रकारों का ऐसा अपमान, जेल डालने से एक कदम निकले आगे
- घमंडिया कमल नाथ ने पत्रकारों से किया बुरा बर्ताव
- कमल नाथ ने चिल्लाकर पत्रकारों को कार्यक्रम से बाहर जाने दिये आदेश
- बोले, पत्रकारों को आना हैं आएं, न आना हैं, न आएं
- भाजपा बोली, कमल नाथ ने अघोषित आपातकाल की याद दिलाई
- इंदौर सहित मध्य प्रदेश के कई पत्रकार करेंगे कांग्रेस के कार्यक्रम का बहिष्कार
भोपाल। आपने कुछ दिनों पहले सुना ही होगा, जिसमें कांग्रेस के इंडी गठबंधन के नेता ने सनातन धर्म को खत्म करने की धमकी दी थी। अब मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ उससे एक कदम आगे बढ़ गए हैं। कमल नाथ ने मध्य प्रदेश में पत्रकारों को धमकाकर उन्हें बेइज्जत करके कार्यक्रम से बाहर निकलवा दिया। इतना ही नहीं, कमल नाथ ने चिल्लाते हुए कहा कि मेरे कार्यक्रम में मत आना। कमल नाथ के सुरक्षा गार्ड ने तो पत्रकारों को धक्का देकर भगा दिया। इस बात से पूरे प्रदेश के पत्रकारों में में कमल नाथ के प्रति गुस्सा जाग उठा है। इंदौर के पत्रकारों ने तो कांग्रेस के कार्यक्रमों का बहिष्कार करने का ठान लिया है। वहीं, भाजपा ने कहा कि कमल नाथ ने पत्रकारों का ‘हमला’ करवाकर अघोषित आपातकाल की याद दिला दी है। आपको बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री और आपातकाल लगाने वाली इंदिरा गांधी भी पत्रकारों से अक्सर बुरा बर्ताव करती थीं और उन्होंने तो आपातकाल लगाकर पत्रकारों को जेल में ठूंस दिया था। इंदिरा, कमल नाथ को अपना तीसरा बेटा मानती थीं। अब उसी बेटे ने पत्रकारों को जलील करते हुए आपातकाल की याद दिला दी है।
आपको बता दें कि इंदौर में मांग मातंग समाज के कार्यक्रम में कमल नाथ पहुंचे थे। इस कार्यक्रम के कवरेज के लिए पत्रकारों को आमंत्रित किया गया था। जब मीडियाकर्मी कवरेज करने पहुंचे तो कमल नाथ पत्रकारों पर भड़क गए। कमल नाथ ने कहा कि मीडिया को बाहर करो। इसके बाद कमल नाथ के सुरक्षा गार्ड ने मीडिया साथियों से धक्का मुक्की की। कमल नाथ ने मंच से कहा में इनसे बात करने आया हूं, हटिए आप सब। इसके बाद मीडिया ने कार्यक्रम का बायकॉट किया। कमल नाथ का घमंड यहीं नहीं रुका। उन्होंने कहा कि जिसे जाना है जाए मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता।
कांग्रेस सरकार ने ही लगाया था आपात काल
आपको बता दें कि जब देश में कांग्रेस सरकार थी और 1975 में इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थी, तब उन्होंने मीडिया और पत्रकारों को कुचलने का काम किया था। इंदिरा पत्रकारों का दमन करने में इतने आगे थीं कि उन्होंने देश के हजारों पत्रकारों को जेल में डाल दिया था। अब उनके तीसरे ‘बेटे’ कमल नाथ मध्य प्रदेश में पत्रकारों से बदतामीजी कर रहे हैं।
भारतीय जनता पार्टी ने पत्रकारों के साथ हुए दुर्व्यवहार पर चिंता जताई है। भाजपा ने ट्वीट करते हुए कहा कि पत्रकारों को जेल में डालने और बैन करने वाले गांधी परिवार से कमल नाथ एक कदम आगे निकल आए हैं। कांग्रेस के कार्यक्रम से पत्रकारों को बेइज्जत करके बाहर निकालना और पत्रकारों को भला बुरा कहना आपातकाल की मानसिकता को प्रदर्शित करने वाला बयान है।
भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने इंदौर में कमल नाथ पर जमकर निशाना साधा। विजयवर्गीय ने ट्वीट करते हुए कहा कि कांग्रेस और उनके नेता लोकतंत्र और मीडिया विरोधी हैं। आपातकाल लगाने वाली और 84 में सिखों का दमन करने वाली गैंग के सदस्य का असली चेहरा यही है। पहले आपातकाल लगाकर पत्रकारों की आजादी छीनी और उन्हें जेल भेजा, हाल ही में 14 न्यूज़ एंकरों का बहिष्कार किया। विजयवर्गीय ने आगे लिखा कि हार का डर इनके चेहरे पर स्पष्ट नजर आ रहा है।
इंदौर प्रेस क्लब के महासचिव हेमंत शर्मा ने कमल नाथ की हरकत पर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि मीडिया से बदसुलूकी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इस कार्यक्रम में मीडिया को आमंत्रित किया गया था तभी मीडिया के साथी पहुंचे थे। बदसुलूकी करने वालो को माफी मांगना होगी।