नाबालिग पुत्री के साथ दुष्कर्म करने के मामले में विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट श्री विकम भार्गव, छतरपुर के न्यायालय ने आरोपी पिता को आजीवन कारावास (जो शेष प्राकृतिक जीवनकाल के लिये होगी) एवं पांच हजार रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया है।अभियोजन कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार पीडिता की मां ने रिपोर्ट लेख करायी कि मैं खजुराहों में रहती हूं। मेरे तीन बच्चे है। मेरे जेठ के लड़के की शादी थी तों में अपने पति बच्चो के साथ राजनगर अपने जेठ के घर आयी थी,
दोपहर करीब 3.30 बजे उसकी बच्ची, पीड़िता उम्र 08 वर्ष अपनी बडी बहन के साथ आयी और रो रही थी तो मैं बाहर अपनी बच्ची के साथ आयी और पूछा तो उसने मुझे बताया कि मैं बाहर खेल रही थी तो पापा मुझे बाई के घर में पूजा काले कमरे में ले गये और दरवाजा बंद करके पापा ने उसके साथ गलत काम किया। तभी बडी बहन ने दरवाजा खटखटाया तो पापा ने मुझे छोडकर दरवाजा खोला। मेरे पति ने मेरी बच्ची पीडिता के साथ गलत काम किया उक्त बात मेनें अपनी सास को बतायी फिर में पीडिता को लेकर थाना राजनगर गई थी। प्रकरण की गंभीरता को दृष्टिगत रखते हुये जिला स्तरीय समिति द्वारा मामले को चिन्हित जघन्य श्रेणी में रखा गया। प्रकरण की समस्त विवेचना उपरांत अभियोग-पूत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
मामले कि विवेचना अंजली उपैनिया ही आई व एस-आई सिहार्थ शर्मा द्वारा की गई।अभियोजन की ओर से डीपीओ श्री प्रवेश कुमार अहिरवार ने पैरवी करते हुये मामले के सभी सबूत एवं गबाह कोर्ट में पेश किये, विचारण उपरांत विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट श्री विकम भार्गव, छतरपुर के न्यायालय ने आरोपी पिता को पॉक्सो एक्ट की धारा 5एल, 5एम, 5एन/6 में आजीवन कारावास (जो शेष प्राकृतिक जीवनकाल के लिये होगी) एवं 5000 रूपये अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है।(