मध्यप्रदेश के मुरैना में चंबल नदी एक बार फिर से घड़ियालों की घर वापसी की गवाह बनी। वन विभाग ने आज चंबल नदी में 25 घड़ियालों को चंबल नदी के प्राकृतिक वातावरण में छोड़ा दिया है नदी में छोड़े गए घड़ियाल देवरी घड़ियाल केंद्र में 2 साल की कड़ी देखभाल और संतुलित वातावरण में तैयार किए गए थे 2 साल पहले इन घड़ियालों का जन्म देवरी घड़ियाल केंद्र में अंडों से हैचिंग कर कराया गया था। इसके बाद इन्हें संतुलित और सुरक्षित माहौल में पाला गया, ताकि ये पानी में रहने और हर चुनौतीपूर्ण वातावरण को सहन करने के काबिल बन सकें।
इन घड़ियालों को नदी में छोड़ने से पहले उनके शरीर पर ट्रैकिंग डिवाइस लगाया गया है। इसके जरिए वन विभाग इनकी गतिविधियों और स्वास्थ्य पर नजर रख सकेगा। चंबल नदी को घड़ियालों के लिए दुनिया की सबसे सुरक्षित नदी माना जाता हैचंबल नदी के संरक्षण और यहां के जीव-जंतुओं के संरक्षण में यह एक बड़ा कदम है। इस साल करीब 98 घड़ियालों को नदी में छोड़ने की योजना बनी हैं। ये हमारी प्राकृतिक धरोहर हैं, और इन्हें संरक्षित रखना हमारी प्राथमिकता है।चंबल नदी का ये इलाका घड़ियालों के लिए स्वर्ग के समान है। यहां के अनुकूल वातावरण और संरक्षण प्रयासों के चलते, ये घड़ियाल अब अपनी प्राकृतिक दुनिया में लौट चुके हैं।मुरैना वन विभाग का ये कदम न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण है, बल्कि जैव विविधता को बनाए रखने का एक प्रेरणादायक प्रयास भी है। चंबल नदी में घड़ियालों की हर हरकत पर अब वन विभाग की नजर रहेगी।