सागर बस स्टैंड को शिफ्ट करने के खिलाफ पूर्व मंत्री ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है जहा उन्होंने पत्र में लिखा है।
पत्र के अनुसार….
सागर शहर में पूर्व से प्रचलित बस स्टैंड को अचानक से बंद करके दो नये बस स्टैंड का संचालन प्रारंभ कर दिया गया है इससे उत्पन्न गंभीर समस्या एवं लोकहित के विषय में आपको अवगत कराना मैं अपना कर्तव्य समझता हूँ।विषय यह है कि मुझ से या सागर जिले के किसी भी जनप्रतिनिधि से चर्चा किये बगैर सागर शहर के बीचों-बीच स्थित तथा लगभग 100 वर्षों से संचालित बस स्टैंड को उसके मूलस्थान से 5-7 कि.मी. दूर स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया गया है जबकि सागर शहर इतना बड़ा महानगर नहीं है जहाँ इस प्रकार की कोई आवश्यकता हो।
सागर शहर में इतनी अचूक नगर परिवहन सेवा भी नहीं है जिससे कोई भी यात्री स्थानांतरित किये गये बस स्टैंड तक सही समय पर आसानी से पहुँच सके। मुझे जानकारी मिली है कि जमीनों और प्रॉपर्टीज का धंधा करने वाले लोगों की इस बस स्टैंड परिवर्तन में विशेष रूचि रही है।आज मेरे विधानसभा क्षेत्र एवं अन्य क्षेत्रों के नागरिकों ने मुझे बताया है कि सागर से रहली, बंडा, शाहपुर, गढ़ाकोटा आदि नगरों तक का बस किराया लगभग 50-60 रूपये है जबकि आटो रिक्शा से बस स्टैंड तक पहुँचने का किराया 100 रूपये लगता है जो कि घोर अव्यावहारिक है।आपसे अनुरोध है कि इस समस्या को हल करने के लिए जिले के सभी जनप्रतिनिधियों एवं बस ऑपरेटर्स की बैठक आयोजित कर उनके व्यवहारिक सुझाव लेकर ही बस स्टेंड का स्थान बदला जाये क्योकि बड़े और संपन्न लोगों के पास तो अपने-अपने वाहन हैं परंतु गरीब और मध्यमवर्गीय लोग चौराहों-चौराहों पर धूप और गर्मी में परेशान हो रहे हैं।
सुझावः-
इस संबंध में मेरा व्यवहारिक सुझाव है कि जिस प्रकार भोपाल और इंदौर बड़े शहर होने के बावजूद भी भोपाल में नादरा बस स्टैंड तथा इंदौर में सरवटे बस स्टैंड से अभी भी यात्री बसें संचालित होती हैं इसी प्रकार सागर में भी पुराने बस स्टेंड को यथावत संचालित रखा जाये भले ही बसों का मूल बस स्टेंड पर स्टॉप 5-7 मिनिट का रहे इससे लोग परेशानी से बच सकेंगे तथा नये बनाये गये दोनो बस स्टैंडों का उपयोग बस स्टॉप एवं बस डिपो के रूप में भी किया जा सकता है।आशा है आप इस विषय में पहल करते हुए शीघ्र ही उचित निर्देश प्रदान करेंगे ताकि आम नागरिक परेशानी से बच सकें ।