इन दिनों भारत में हवाना सिंड्रोम(Havana syndrome) नाम की बीमारी का जिक्र बहुत हो रहा है। यह रहस्यमयी बीमारी पिछले कई सालों से डॉक्टरों और साइंटिस्टों को परेशान कर रही है। हवाना सिंड्रोम (Havana syndrome) ने अब भारत सरकार (Government of India) की चिंता भी बढ़ा दी हैं। क्योंकि हाल ही में देश में इस बीमारी जुड़े कुछ मामलें सामने आए हैं। भारत सरकार इस बीमारी को लेकर डॉक्टर और साइंटिस्टों को गौर करने के लिए कहा है।
हवाना सिंड्रोम (Havana syndrome) के अब तक की जांच में इसे एक ऐसी बीमारी बताया गया है, जिसमें मरीज को बहुत जल्दी कमजोरी महसूस होती है। इसके साथ ही प्रभावित लोगों में एकाग्रता और बातें भूलने की समस्या देखी गई है। बीमारी का टाइम पीरियड बढ़ने से मरीज को सिरदर्द और मतली की शिकायत शुरु हो जाती है।
अमेरिका (America) की मीडिया एजेंसी के मुताबिक इस बीमारी पर काम कर रहे डॉक्टरों और वैज्ञानिकों ने अमेरिका, कनाडा, ताइवान, ऑस्ट्रिया, जॉर्जिया, कोलंबिया, मॉस्को, किर्गिस्तान, पोलैंड, उज्बेकिस्तान और अन्य सहित दुनिया भर में हवाना सिंड्रोम से जुड़े 200 से अधिक मामलों को रिपोर्ट किया है। अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 2021 में अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस वियतनाम के हनोई के लिए उड़ान भरने वाली थीं, लेकिन वियतनाम में एक अधिकारी द्वारा लक्षणों की सूचना के बाद उनकी यात्रा में देरी की गयी थी।
उसी साल भारत में हवाना सिंड्रोम (Havana syndrome) लक्षण वाला पहला मामला सामने आया था। जब अमेरिकी खुफिया एजेंसी का एक अधिकारी CIA डायरेक्टर विलियम बर्न्स के साथ नई दिल्ली (New Delhi) की यात्रा कर रहा था। तब से भारत सरकार इस रहस्यमयी बीमारी को लेकर सचेत है। हालांकि इस बीमारी से होने वाले दूरगामी परिणामों का ठीक से अनुमान लगाना अभी मुश्किल है, लेकिन इस सिंड्रोम और इसके संभावित कारणों के बारे में अधिक जानने और समझने के लिए शोध जारी है।