बैतूल जिले के आदिवासी बाहुल्य भीमपुर ब्लॉक के खैरा गांव में बीते 3 दिनों में एक ही परिवार के दो लोग की उल्टी दस्त से मौत हो गई है। वहीं परिवार के अन्य सदस्य उल्टी दस्त से ग्रसित है। उल्टी दस्त से दादा और पोती की मौत के बावजूद स्वास्थ्य विभाग का स्थानीय अमला बेखबर है। ग्रामीणों का आरोप है कि गांव के उप स्वास्थ्य केंद्र में ताला लगा हुआ रहता है और यहां के कर्मचारी मौजूद नहीं रहते हैं। हालांकि सीएमएचओ ने इस मामले में कार्रवाई करने का आश्वासन जरूर दिया है। बताया जा रहा है कि भीमपुर ब्लॉक के खैरा गांव में 3 दिन पहले हीरा बारस्कर की उल्टी दस्त से मौत हो गई थी, वहीं 24 घंटे बाद हीरा की 8 वर्षीय पोती स्वाति बास्कर की भी उल्टी दस्त से मौत हो गई।
गांव में दो मौत होने के बावजूद स्थानीय स्वास्थ्य अमला पूरी घटना से बेखबर था,खैरा के उप स्वास्थ्य केंद्र में ताला लगा हुआ रहता है वहीं स्थानीय स्वास्थ्य अमले ने पीड़ित परिवार का इलाज करने या उन्हें हायर सेंटर पर रेफर करने की जहमत नहीं उठाई,आखिरकार परिवार पीड़ित को महाराष्ट्र के परतवाड़ा इलाज के लिए ले गए,लेकिन वहां पहुंचते ही हीरा की मौत हो गई इधर उपचार नहीं मिलने की वजह से हीरा की पोती ने भी घर में ही दम तोड़ दिया। फिलहाल मृतक हीरा के परिवार में दो लोग अभी भी उल्टी दस्त से पीड़ित है। लेकिन स्वास्थ्य अमला लापरवाह बना हुआ है और उनके इलाज की कोई व्यवस्था अभी तक के नहीं की गई है। परिवार के लोग जब अस्पताल पहुंचे तो स्थानीय स्वास्थ्य कर्मी परिजनों पर ही दबाव बनाते हुए नजर आए। मामला बैतूल के सीएमएचओ की संज्ञान में लाने के बाद उन्होंने जरूर पूरे मामले में जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है।
बाइट, भोगीलाल बारस्कर,मृतकों के परिजन
डॉ राजेश परिहार,सीएमएचओ बैतूल