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क्या है मकोय?
-खासतौर पर छाया में उगने वाला पौधा होता है। जिस पर लाल और जामुनी रंग के टमाटर की तरह दिखनेवाले फल लगते हैं। इसके बीज बैंगन की तरह होते हैं लेकिन बैंगन के बीजों की तुलना में बहुत छोटे होते हैं।
-मकोय का पौधा झाड़ीनुमा होता है। इसकी लंबाई अधिकांश 1 से डेढ़ फीट होती है। मकोय के पत्ते आयताकार और अंडाकार होते हैं। इस पर बहुत छोटे सफेद रंग के फूल आते हैं जो बाद में हरे रंग के फल में बदल जाते हैं।
-मकोय आमतौर पर दो रंगों के होते हैं लाल और जामुनी। लाल रंग के मकोय जामुनी रंग के मकोय की तुलना कुछ छोटे होते हैं। स्वाद की बात करें जामुनी मकोय में मीठापन अधिक होता है। जबकि लाल मकोय खट्टा-मीठा होता है।
बीमारियों में लाभकारी
-मकोय को त्रिदोष नाशक माना जाता है। अर्थात वात-पित और कफ का नाश करनेवाली। आयुर्वेद के अनुसार, हमारे शरीर में वात-पित्त और कफ तीन गुण होते हैं। जब इन तीनों में से किसी भी गुण की कमी या अधिकता हो जाती है तो हम बीमार पड़ जाते हैं।
-मकोय का सेवन हमारे शरीर में इन तीनों ही गुणों के संतुलन को बनाए रखने का काम करता है। इसी कारण इसे त्रिदोष नाशक कहते हैं। यदि नियमित रूप से सीमित मात्रा में मकोय का सेवन किया जाए तो रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत बनती है।
पीलिया में लाभकारी
-पीलिया यानी जॉइंडिस का रोग होने पर यदि नियमित रूप से दवाओं के साथ ही मकोय का भी सेवन किया जाए तो बीमारी को जल्द ठीक करने में सहायता मिलती है। मकोय के पत्तों का काढ़ा पीने से भी पीलिया में लाभ मिलता है।
-मकोया का किसी भी रूप में सेवन करने से पहले जरूरी है कि आप अपने नजदीकी वैद्य से इस बारे में बात करें। ताकि वह आपकी सेहत को देखते हुए इसकी सही मात्रा और खाने का सही तरीका आपको बता सके।
वीर्य बढ़ाने में मददगार
-मकोय को पौरुष शक्ति बढ़ानेवाला भी माना जाता है। देसी नुस्खों में इस फल का बहुत उपयोग होता है। प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति से रोगियों का इलाज करनेवाले विद्वान भी मकोय के सेवन का सुझाव देते हैं। मकोय वीर्य की ऊष्णता बढ़ाता है और इसकी मात्रा में वृद्धि करने में भी सहायक माना जाता है।
किडनी की सेहत के लिए लाभकारी
-मकोय के सेवन से हमारी किडनी हेल्दी रहती हैं। अगर किसी को बार-बार पेशाब आने की समस्या हो, किडनी एरिया में सूजन की समस्या हो तो मकोय का रस या मकोय से बहुत अधिक लाभ होता है। यह फाइबर से भरपूर फल होता है। इसलिए पेट को साफ रखने में मददगार होता है।
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कुष्ठ रोग में लाभकारी है मकोय
-जिन व्यक्तियों को कुष्ठ रोग की समस्या हो उनके लिए मकोय का सेवन करना लाभकारी हो सकता है। खास बात यह है कि शायद ही कहीं आपको मकोय बाजार में बिकते हुए दिखें, यह इतना नाजुक फल होता है कि इसे पेड़ से तोड़कर तुरंत ही खाया जाए तो अधिक लाभकारी रहता है।
-क्योंकि इसका ऊपरी छिलका बहुत महीन होता है। गांवों में सड़कों के किनारे, खेतों में मेढ़ के आस-पास और किसी बड़े छायादार वृक्ष के नीचे मकोय का पौधा अक्सर देखने को मिल जाता है। कुष्ठ रोग के इलाज में मकोय के फल और पत्तियों दोनों का उपयोग किया जाता है।
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