अनूप पासवान
कोरबा. छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में एक ऐसे गांव है, जहां 150 सालों से गांव के लोगों ने होली नहीं खेली. इस गांव में 150 सालों से रंग-गुलाल नहीं उड़ा है. इस गांव के लोगों का मानना है कि होली के दिन रंग गुलाल लगाने से देवी माता नाराज हो जाएंगी, और उसका परिणाम पूरे गांव वालों को भुगतना पड़ेगा. कोरबा जिला मुख्यालय से लगभग 35 किलोमीटर की दूरी स्थित ग्राम खरहरी में 150 सालों से होली का त्यौहार नहीं मनाया गया है. गांव के बुजुर्गों का मानना है कि उनके जन्म के काफी समय पहले से ही इस गांव में होली ना मनाने का रिवाज है.
नहीं मनाई जाती होली
इस गांव में होली के दिन में कभी रंग गुलाल नहीं उड़ाते और न ही होलिका दहन की जाती है. इस गांव में 650 से 700 लोग रहते हैं. गांव के बुजुर्गों के अनुसार यहां सालों पहले होलिका दहन के दिन भीषण आग लग गई थी. गांव के घरों के ऊपर बड़े-बड़े आग के गोले गिर रहे थे. गांव के हालात बेकाबू हो गए थे. गांव में महामारी फैल गई थी. इस दौरान गांव के लोगों का भारी नुकसान हुआ और हर तरफ अशांति फैल गई.
इसके बाद गांव के एक बैगा के सपने में देवी मां मड़वारानी ने इस विनाश से बचने का उपाय बताया कि गांव में होली का त्यौहार न मनाया जाए. तभी से इस गांव में होली का त्यौहार नहीं मनाया जाता.
गांव के लोग करते नियम का पालन
ग्रामीणों ने बताया कि ना तो गांव में होलिका दहन होता है और ना ही रंग गुलाल खेले जाते है. गांव में किसी को नहीं मालूम कि अंतिम बार कब होली मनाई गई थी. होली खेलने से कब गांव में आग लगी, किसकी मौत हुई, ग्रामीणों को नहीं पता. होली नहीं मनाने का रिवाज पूर्वजों से सुनते आ रहे हैं इसलिए पिछले 150 साल से गांव में किसी ने होली मनाई.
गांव के बुजुर्गों का मानना है कि नियम तोड़कर रंग गुलाल खेलने वालों पर माता का कहर टूट पड़ता है और बीमार हो जाते हैं. बड़ों से लेकर छोटे तक हर कोई इस नियम का पालन करता है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|
FIRST PUBLISHED : February 25, 2023, 22:29 IST
Source link