Sunday, September 8, 2024
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मौत का अस्पताल.? पांच प्रसूताओं की मौत से दहला दमोह….

दमोह जिला अस्पताल में लापरवाही और मानवता को शर्मशार करने वाली कई खबरें सामने आई हैं पर ये खबर आपको जरूर चौंका देगी और आप कह सकेंगे ये तो वाकई है मौत का अस्पताल,जी हां मौत का अस्पताल…..दरअसल दमोह जिला अस्पताल में 4जुलाई को जिन गर्भवती महिलाओं के सीजर ऑपरेशन हुए उनमें एक दो नहीं सभी को पेशाब रुकने और इन्फेक्शन की शिकायत हुई और एक के बाद एक पांच महिलाओ ने बेकाबू इलाज के बाद दम तोड़ना शुरू कर दिया सिर्फ बीस दिन के भीतर पांचों महिलाओं ने एक एक कर दम तोड दिया,पांच नवजातों के सिर से मां का आंचल छीन लिया गया,महिलाओं के परिजनो ने जिला अस्पताल पर इलाज में गंभीर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है।आज शव सड़क पर रखा और दोषियों के खिलाफ मुख्य मंत्री से कार्यवाही की मांग की है।दमोह कलेक्टर ने इसे बड़ी लापरवाही मानकर जांच का आश्वासन दिया है और एक हफ्ते के अंदर रिपोर्ट के बाद कार्यवाही का भरोसा दिलाया है।

दमोह के बकायन गांव के सचिन चौरसिया की पत्नी लक्ष्मी चौरसिया हाईकोर्ट जबलपुर में पदस्थ थीं अच्छी भली खुशी खुशी जिला अस्पताल दमोह में नॉर्मल डिलीवरी के लिए आईं थी, रात होते होते कहा गया सीजर होगा बच्चा अच्छा रहा पर चार पांच घंटे बाद तेज दर्द हुआ और चंद मिनट में लक्ष्मी की सांसे थम गई।लक्ष्मी के पति सचिन बताते हैं,अस्पताल के स्टाफ की लापरवाही के चलते उनकी पत्नी की मौत हो गई।

दमोह के ही हिंडोरिया गांव की निशा परवीन का भी पहला बच्चा होना था,सीजर तक सब ठीक था बच्चा हुआ मिठाईयां बांटी गईं पर पेशाब रूक गई बताया गया किडनी फेल हो गई गंभीर हालत में बमुश्किल एंबुलेंस का प्रबंध हुआ जबलपुर मेडिकल कालेज में डाइलेसिस होते रहे और अठारह दिन संघर्ष के बाद निशा परवीन ने भी दम तोड दिया।इनके परिजन भी अस्पताल पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाते हैं।

दमोह के ही हटा की हुमा का भी पहला बच्चा होना था,सीजर तक सब ठीक था बच्चा हुआ मिठाईयां बांटी गईं पर पेशाब रूक गई बताया गया किडनी फेल हो गई गंभीर हालत में दमोह से जबलपुर मेडिकल कालेज रिफर किया गया जहां लगातार डाइलेसिस होते रहे और बीस दिन संघर्ष के हुमा ने भी दम तोड दिया।इनके परिजन भी अस्पताल पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाते हैं,लगातार हुईं मौतों से आहत होकर शव को सड़क पर रखा गया,मांग की गई कि इस तरह के दोषी अस्पताल स्टाफ पर कार्यवाही हो,सभी का अच्छा इलाज हो,बच्चे और परिजन को मुआवजा दिया जाए,प्रशासन के आश्वासन के बाद इन्हें सुपुर्दे खाक किया गया।

दमोह के पटेरा नया गांव की हर्षना कोरी का पहला बच्चा सीजर से हुआ,पर चन्द घंटो में ही तबियत बिगड़ गई दमोह के आई सी यू में एडमिट किया गया पर संघर्ष ज्यादा नहीं चला और सुबह होने से पहले हर्षना ने भी दम तोड दिया।इस तरह 4जुलाई को जिला अस्पताल में हुए सीजर ऑपरेशन में अब तक पांच महिलाओं की मौत हो जाने की खबर में प्रशासन भी सकते में है और दमोह कलेक्टर ने जांच के लिए ज्वाइन डायरेक्टर हेल्थ को निर्देशित किया है उन्होंने दौरा कर शो कोस नोटिस दिए हैं।कलेक्टर ने माना है कि सभी महिलाएं स्वास्थ्य थी इनकी मौत सामान्य नही है जबाब आने पर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी।

बाइट_सुधीर कोचर (कलेक्टर दमोह)

चार जुलाई को हुए जिला अस्पताल दमोह के इन सभी मामलों में यूरीन रुक जाने से मामले गंभीर हुए और आईसीयू से किडनी फेल डायलिसिस और अंत में मौत तक पहुंच गए।अब तक पांच मौत के आंकड़े तो सबके सामने हैं और पर्दे के पीछे के मामले कहां और किस हाल में हैं किसी को पता नहीं…..अब देखने लायक होगा की कलेक्टर साहब की जांच की रिपोर्ट कब और क्या हकीकत लेकर सामने आती है जिसका हफ्ते भर तक तो इंतजार करना ही होगा,…फिलहाल तो पांच घर उजड़ गए और छिन गया नौनिहालों के सिर से मां का साया।

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