नई दिल्ली:
नये और अत्याधुनिक पांच राफेल (Rafale) लड़ाकू विमानों का बेड़ा बुधवार को अंबाला एयर बेस पहुंच गया. इन विमानों के वायुसेना में शामिल होने के बाद देश को आस-पड़ोस के प्रतिद्वंद्वियों की हवाई युद्धक क्षमता पर बढ़त हासिल हो जाएगी. राफेल फाइटर जेट्स 150 किलोमीटर दूर से ही हवा से हवा में मार करने और लक्ष्य को भेदने की क्षमता रखता है, यह दुश्मन के इलाके में 300 किलोमीटर तक सुरक्षित रूप से टारगेट को हिट कर सकता है. भारत के राफेल को दुनिया के कुछ सबसे घातक फाइटर जेट्स के रूप में माना जा रहा है. भारत के राफेल को हवाई-श्रेष्ठता और सटीक हमलों के लिए जाना जाता है. फ्रांस में निर्मित राफेल से 23 साल पहले भारत ने रूस से सुखोई जेट खरीदा था.
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यह विमान कई शक्तिशाली हथियारों को ले जाने में सक्षम हैं. यूरोपीय मिसाइल निर्माता एमबीडीए के मिसाइल के साथ-साथ हवा से हवा में मार करने वाली अन्य मिसाइलों को ले जाने में सक्षम है. राफेल में तीन तरह की मिसाइलें लगेंगी. हवा से हवा में मार करने वाली मीटियोर मिसाइल. हवा से जमीन में मार करने वाल स्कैल्प मिसाइल. तीसरी है हैमर मिसाइल. इन सबों के लगने के बाद यह दुश्मनों पर काफी मजबूत साबित होगा. मीटियोर मिसाइल 150 किमी दूर से ही दुश्मन के विमानों को निशाना बना सकती है.
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यह दुश्मन के विमानों को भारतीय विमान के करीब पहुंचने से पहले ही नष्ट कर देगा.यह स्कैल्प क्रूज मिसाइलों को ले जाने के लिए भी सुसज्जित हैं जो 300 किमी दूर लक्ष्य को मार सकती हैं. इसका मतलब है कि अंबाला से उड़ान भरने वाला एक भारतीय वायु सेना राफेल, चीन के भीतर एक लक्ष्य को काफी दूर से ही मारने में सक्षम है.तीसरी मिसाइल जिसकी, बात हो रही है, वो है हैमर मिसाइल. भारतीय वायुसेना ने इस लड़ाकू विमान की क्षमता को बढ़ाने के लिए फ्रांस से हैमर मिसाइल भी खरीद रहा है. अभी इस मिसाइल के लिए ऑर्डर प्रोसेस किया जा रहा है. चीन के साथ विवाद के बीच भारत ने यह फैसला लिया है.
सूत्रों का कहना है कि राफेल में जो हवा से हवा में और हवा से जमीन में निशाना लगाने की क्षमता है, वैसी क्षमता फिलहाल चीन और पाकिस्तान दोनों की ही वायुसेना के किसी एयरक्राफ्ट में नहीं है, जिसके चलते भारत इन दोनों देशों से कहीं आगे है.
बताते चले कि चीन के साथ विवाद के बीच राफेल लड़ाकू विमानों के आने से भारत की ताकत में इजाफा माना जा रहा है. फ्रांस से भारत के लिए रवाना हुई राफेल लड़ाकू विमान की पहली खेप अंबाला एयरबेस पर पहुंच गई. विमानों के अंबाला एयरबेस पर पहुंचने के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने कहा कि विमान अंबाला में सुरक्षित तरीके से उतर गए हैं. राफेल लड़ाकू विमानों का भारत में आना हमारे सैन्य इतिहास में नए युग की शुरूआत है. इन बहुआयामी (Multirole) विमानों से वायुसेना की क्षमताओं के क्रांतिकारी बदलाव आएंगे.
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