Friday, February 7, 2025
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how to improve sleep quality: Sleep Tight: इन कारणों से लोग लॉकडाउन में नहीं ले पा रहे हैं अच्छी नींद – not getting proper sleep there are the most common reasons of sleep disturbances in hindi

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नॉर्मल स्लीप 6 से 8 घंटे की होती है, वह भी सिर्फ रात की नींद। अगर आपको 6 घंटे से कम नींद आती है तो हमें अगले दिन थकान महसूस होती है। सिर में दर्द की दिक्कत होती है। मूड खराब रहता है। कई बार घबराहट और बेचैनी की भी दिक्कत हो सकती है। यहां जानें, बेहत नींद के लिए आपको क्या करना चाहिए…

एक के बाद एक विचार आना

-नकारात्मक विचार और अनिश्चितता के कारण एंग्जाइटी हो जाती है। इस कारण ब्रेन में चेन ऑफ थॉट्स यानी एक के बाद एक विचार आते रहते हैं। इसके चलते हम अधिक एलर्ट रहते हैं और ब्रेन ऐक्टिव रहता है, इससे नींद नहीं आती है।

थॉट्स को मैनेज करने का प्रयास करें। यानी अपने विचारों को नियंत्रित कर सही दिशा में ले जाने का प्रयास करें। इसके लिए ध्यान, योग और संगीत की मदद लें। ये ऐक्टिविटीज आपके अंदर सकारात्मक विचारों को बढ़ाने का काम करेंगी।

अपने आप सुधर जाएगी नींद की गुणवत्ता

-डेली रुटीन डिस्टर्ब होने के कारण हम एक्सर्साइज नहीं कर पा रहे हैं। शरीर पूरी तरह अपनी ऊर्जा का उपयोग नहीं कर पा रहा है। इस कारण हमारा सोने और जगने का रुटीन बिगड़ जाता है।

जिस तरह से आप ऑफिस के समय पर अपना रुटीन बनाए रखते थे, उसी रुटीन को फिर से फॉलो करना शुरू करें। ताकि लॉकडाउन के दौरान आपका सोने-जागने का रुटीन बना रहे। इससे आपकी नींद की क्वालिटी अपने आप सुधर जाएगी।

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अच्छी नींद के लिए अपनाएं जरूरी बातें

इनसे नजरें हटाने की जरूरत है

-स्क्रीनिंग टाइम बहुत बढ़ गया है। घरों में लगातार लोग कई घंटे टीवी, मोबाइल और लैपटॉप की स्क्रिन पर नजरें टिकाए बैठे रहते हैं। इससे भी ब्रेन को सही समय पर नींद के सिंग्नल नहीं मिल पाते हैं और हमारा स्लिपिंग पैटर्न डिस्टर्ब हो जाता है।

स्क्रीन पर बहुत लंबा वक्त ना बिताएं। कोशिश करें कि रात को जितना हो सके जल्दी टीबी बंद कर दें। साथ ही सोने से पहले अच्छा साहित्य और मोटिवेशनल बुक्स पढ़ें। इससे आपका दिमाग शांत होगा और अच्छी नींद आएगी।

नींद के लिए मेलाटॉनिन है जरूरी

-घर में रहने के कारण हम हमारा सनलाइट एक्सपोजर नहीं हो पा रहा है। यानी हमारे शरीर को उसकी जरूरत के हिसाब से धूप नहीं मिल पा रही है। इसका कारण शरीर में मेलाटॉनिन हॉर्मोन नहीं बन पाता है। जो हमारे स्लीप साइकल को मेंटेन करता है।

कुछ वक्त धूप में रहें। बेहतर होगा कि सुबह की गुनगुनी धूप लें। सुबह के वक्त घर की छत, बालकनी या गार्डन में नंगे पांव टहलें। इससे आपके शरीर में मेलाटॉनिन निर्माण में मदद मिलेगी।

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सुबह के वक्त धूप में बिताएं कुछ वक्त

ऐसे बिल्कुल ना करें वर्क फ्रॉम होम

– जो लोग वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं, उनमें से ज्यादातर लोग बेड पर बैठकर काम करना पसंद करते हैं। इस कारण दिन में जब भी नींद का अहसास होता है तो वे अक्सर सो जाते हैं। दिन में नींद लेने के कारण रात को नींद नहीं आ पाती है और स्पील साइकल डिस्टर्ब हो जाता है।

बेड सोने के लिए होता है, उसका उपयोग काम करने के लिए ना करें। इससे आपके काम करने की स्पीड कम होती है, साथ ही बैठने का पोश्चर सही नहीं रह पाता है, जो पीठ दर्द, गर्दन दर्द की वजह बन सकता है। साथ ही बेड पर बैठकर काम करने से आलस अधिक आता है।

नशा करने की आदत

-जिन लोगों को नशा करने की आदत है, लाकडाउन के दौरान उनका नशा करने का पैटर्न बदल गया है। उदाहरण के लिए अगर किसी व्यक्ति को दिन में 5 बार स्मोक करने की आदत थी तो अब अधिक खाली वक्त होने के कारण उसकी स्मोकिंग की संख्या बढ़ गई है। इस कारण भी स्लीप पैटर्न डिस्टर्ब हो रहा है।

अपना ध्यान नशा करने पर नहीं बल्कि परिवार और दोस्तों पर फोकस करें। साथ ही रात के वक्त चाय-कॉफी ना लें। रात को सिगरेट या तंबाकू के सेवन से शरीर में निकोटिन की मात्रा बढ़ने के कारण भी नींद नहीं आती है। इससे पूरा बचाव करें।

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सोने से पहले नहाएं गुनगुने पानी से

बेहतर नींद के लिए करें ये उपाय

– रात को सोने से कम से कम 1 घंटा पहले हल्के गुनगुने पानी से नहाएं। इससे पहले ब्रश करें और फिर कॉटन के कपड़े पहनें। इससे आपके शरीर को पूरा आराम मिलेगा और आप गहरी नींद ले पाएंगे।

-नींद ना आने पर मोबाइल, टीबी या लैपटॉप ऑन ना करें। बार-बार घड़ी ना देंखें। लेटकर कोई अच्छी किताब पढ़ें, इससे आपको 15 से 20 मिनट के अंदर नींद आने में मदद मिलेगी। जरूरी लगे तो कमरे में ही कुछ देर टहलें और फिर से सोने का प्रयास करें। ध्यान रखें कि घड़ी नहीं देखनी है!

एक्सपर्ट: यह आर्टिकल काउंसलर इरा गुप्ता (एमफिल क्लिनिकल सायकॉलजी, कंसल्टेंट सायकॉलजिस्ट) से बातचीत पर आधारित है। ये उद्गम मेंटल हेल्थ केयर हॉस्पिटल में कार्यरत हैं और पिछले 8 साल से बतौर काउंसलर अपनी सेवाएं दे रही हैं। आप इनसे मिलने के लिए मोबाइल नंबर – 9811350476 पर अपॉइंटमेंट ले सकते हैं।

यह भी पढ़ें: क्या होता है ब्रेन डेड होना? कोमा और ब्रेन डेड में क्या है अंतर, जानें न्यूरॉलजिस्ट से


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