छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अमेरिका के हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में कहा कि वे NRC (national rajistar of citizen) पर अपने हस्ताक्षर नहीं करेंगे।
देश मे बाहर किसी अंतरराष्ट्रीय मंच पर NRC के खिलाफ आवाज उठाने वाले पहले मुख्यमंत्री बन गए हैं भूपेश बघेल। गत दिवस हार्वर्ड विश्विद्यालय (Harvard University) में आयोजित India conference में “लोकतांत्रिक भारत मे जाति और राजनीति” विषय पर चर्चा के दौरान जब CAA और NRC को लेकर सवाल पूछा गया, तो भूपेश बघेल ने अपना वक्तव्य वहां भी दोहराया । छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने कहा – “मैं भारतीय हूँ, यह प्रमाणित करने की मुझे आवश्यकता नहीं। मैं NRC रजिस्टर पर दस्तखत नहीं करूँगा”
अवार्ड विनर स्कॉलर और एक्टिविस्ट डॉ सूरज येंगदे से इंटरेक्शन में भूपेश बघेल ने कहा कि महात्मा गांधी ने भी सबसे पहले ऐसे किसी प्रमाण को देने से इंकार कर दिया था। उन्होंने बताया कि 1907 में महात्मा गांधी ने ARC के रजिस्टर दस्तखत किए थे और न ही उंगलियों के निशान दिए थे। पहला सविनय अवज्ञा आंदोलन यहीं से अफ्रीका में महात्मा गांधी ने शुरू किया था। बघेल ने कहा कि यदि आज मुझे कहा जाए कि मैं भारतीय हूं, प्रमाणित करूं तो मैं इस रजिस्टर पर दस्तखत नहीं करूंगा। यही मैंने कहा है। आज छत्तीसगढ़ में 40 फीसदी लोग गरीबी रेखा के नीचे हैं। इसका मतलब वो भूमिहीन हैं। वे कैसे नागरिकता का प्रमाण देंगे।
जब हार्वर्ड विश्वविद्यालय में चर्चा के दौरान CAA और NRC को लेकर सवाल पूछा गया, मैंने अपने वक्तव्य को यहाँ भी दोहराया है।
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) February 16, 2020
“मैं भारतीय हूँ, यह प्रमाणित करने की मुझे आवश्यकता नहीं। मैं NRC रजिस्टर पर दस्तखत नहीं करूँगा” pic.twitter.com/yYvpzSf40b