Sunday, September 8, 2024
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उज्जैन के ढांचा भवन में युवक ने खून से किया भगवान शिव का अभिषेक,वीडियो हुआ वायरल।

अब तक भगवान शिव का दूध, दही और गन्ने के रस सहित अन्य फलों के रस व पंचामृत से अभिषेक होता रहा है, परंतु मंगलवार को आगर रोड के ढांचा भवन में युवक ने अपने खून से भगवान शिव का अभिषेक किया। इस अभिषेक के लिए युवक ने डॉक्टर भी तैनात करवाया था, ताकि वाइन सेट लगाकर उसके खून से शिव का अभिषेक हो। इसका वीडियो भी युवक द्वारा बनाया गया और उसे बकायदा वायरल किया गया है। हालांकि वीडियो वायरल होने के बाद कुछ पण्डित इसे तामसिक पूजा मान रहे हैं, जिसका प्रदर्शन करना गलत है। दरअसल, ढांचा भवन क्षेत्र में रहने वाले रौनक गुर्जर ने अपने हाथ में वाइन सेट लगाकर क्षेत्र के बिलकेश्वर भगवान का अभिषेक किया।मामले में रौनक का कहना था कि रावण ने तो अपने दस शीश काटकर भगवान को चढ़ा दिए तो क्या वह खून से अभिषेक नहीं कर सकता। रौनक का कहना है कि यह अभिषेक उसने विश्व शांति के लिए किया है। जिसमें करीब आधा दर्जन ब्राह्मण ने पूजन विधि सम्पन्न करवाई। उसकी भगवान शिव में प्रगाढ़ आस्था है जिसके चलते उसने ऐसा किया। इसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर रौनक ने वायरल किया है। वीडियो में रौनक अपने खून से भगवान शिव का अभिषेक करते हुए दिखाई दे रहा है। इसके पहले एक डॉक्टर उसके हाथ में वाइन सेट लगाता है। इस अभिषेक पूजन में कई पंडित और पुजारी भी शामिल थे जो मंत्रोंच्चार कर रहे थे। इस अभिषेक में लगभग 5 मिनट तक भगवान शिव पर खून चढ़ाया गया।*आपराधिक छवि सुधारने की कोशिश*हालांकि इस पूरे मामले में लोगों का कहना है कि यह आपराधिक छवि सुधारने की कोशिश है, क्योंकि रौनक पिछले समय हिस्ट्रीशीटर बदमाश रहा है। उसने ढांचा भवन में कई लोगों के मकानों पर भी कब्जा कर रखा था। गंभीर धाराओं में कई प्रकरण भी दर्ज हुए हैं । रौनक और उसके भाई रौशन को तत्कालीन एसपी सचिन अतुलकर ने पैर में गोली मार कर घायल कर दिया था। इनके अपराध की लिस्ट देखते हुए दोनों को रासुका में भी जेल भेजा था।*महामंडलेश्वर ने कहा रक्त अर्पित करने वाले की मानसिकता जानना जरूरी, अभिषेज की बजाए किसी को रक्त देना भी शिव अभिषेक ही है,*रौनक गुर्जर द्वारा रक्त से शिव अभिषेक करने के मामले में जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर शैलेशानंद गिरि महाराज ने कहा कि लिंग पुराण के अनुसार भगवान शिव को जो भी अर्पण करो वह स्वीकारते हैं । रावण ने अपने 10 शीश चढ़ाया थे तो वह 10 विधाओं का ज्ञाता था। यदि कोई रक्त अर्पित कर शिव का अभिषेक करता है तो उसकी मानसिकता और संकल्प को जानना आवश्यक है। उसके भाव का कारण क्या है यह पता लगाना आवश्यक है। यदि किसी बीमार को रक्त दान दिया जाए तो वह भी शिव अभिषेक ही है।

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