Thursday, October 24, 2024
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Israel Pelestine War: इस्लामिक दुनिया का अलग—अलग विचार, बिगड़ा इस्राइल—फिलिस्तीन का माहौल

तेल अवीव। यहूदी जनसंख्या से बाहुल्य देश इस्राइल और मुस्लिम बहुल देश फिलिस्तीन के बीच छिड़ा युद्ध किस दिशा में जाएगा? इसका न आदि है न अंत। फिलिस्तीन के आतंकवादी संगठन हमास के आतंकियों ने इस्राइल पर जो हमला बोला है उसके बाद इस्राइल भी भड़क गया है। दोनों देशों के बीच छिड़ी जंग पर पूरी दुनिया की नजरें हैं। आपको बता दें कि शनिवार सुबह अचानक फिलिस्तीन के आतंकी संगठन हमास ने इजरायल पर हमला कर दिया जिसके बाद इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने हमास के खिलाफ युद्ध का ऐलान कर दिया। हमास के इस तरह हमले को लेकर जहां पश्चिमी देश इजरायल के साथ खड़े दिख रहे हैं, वहीं, ज्यादातर मुस्लिम देश अब फिलिस्तीन के समर्थन में बात रख रहे हैं। यह मुस्लिम देश इजरायल-फिलिस्तीन मुद्दे के समाधान के लिए ‘टू स्टेट रिजोल्यूशन’ यानी फिलिस्तीनियों के लिए एक अलग राष्ट्र की वकालत करने लगे हैं।

ईरान के विदेश मंत्रालय ने हमास के इजरायल पर हमले के बाद कहा कि यह हमला फिलिस्तीनियों की तरफ से आत्मरक्षा के लिए उठाया गया कदम है। ईरान के विदेश मंत्रालय ने मुस्लिम देशों से अपील की है कि वो फिलिस्तीन का समर्थन करें। ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नासिर कनानी ने कहा, ‘यह ऑपरेशन … अपने अधिकारों की रक्षा और इजरायल की युद्धोन्मादी और उत्तेजक नीतियों के प्रति फिलिस्तीनियों की स्वाभाविक प्रतिक्रिया है। यह फिलिस्तीन के सताए हुए लोगों का आंदोलन है। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामेनेई के शीर्ष सलाहकार अली अकबर वेलायती ने एक बयान में कहा कि हमास का यह सफल ऑपरेशन निश्चित रूप से इजरायलियों के पतन में तेजी लाएगा और जल्द ही उनका विनाश होगा। उन्होंने कहा, मैं इस महान और रणनीतिक जीत पर बधाई देता हूं। मेरी यह बधाई क्षेत्र के समझौता करने वाले लोगों के लिए गंभीर चेतावनी है। ईरान की सरकारी न्यूज एजेंसी IRNA ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि रविवार को ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने फिलिस्तीनी आतंकी संगठनों हमास और इस्लामिक जिहाद के नेताओं से बात की।
IRNA ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा, रईसी ने इस्लामिक जिहाद आंदोलन के महासचिव जियाद अल-नखलाह और हमास के राजनीतिक ब्यूरो के प्रमुख इस्माइल हनियेह के साथ फोन पर बात की और फिलिस्तीन के घटनाक्रम पर चर्चा की। हमास के इजरायल पर हमले के बाद ईरान से कई ऐसे वीडियो सामने आए हैं जिसमें राजधानी तेहरान की सड़कों पर लोग आतिशबाजियां करते हुए जश्न मनाते दिख रहे हैं।

Hamas terrorists are brutalizing women

मध्य-पूर्व के सबसे प्रभावशाली देशों में से एक देश सऊदी अरब ने दोनों पक्षों के बीच संघर्ष को लेकर एक बयान जारी किया है जिसमें फिलिस्तीनियों के अधिकारों की वकालत की है। सऊदी बार-बार चेतावनी देता रहा था कि इजरायल अगर कब्जा जारी रखेगा और फिलिस्तीनियों को उनके अधिकारों से वंचित करेगा तो वो हिंसा करेंगे।

संयुक्त अरब अमीरात (UAE)?

इस्लामिक देश यूएई ने अमेरिका की कोशिशों के बाद इजरायल के साथ राजनयिक संबंध स्थापित किए हैं। यूएई ने अपने बयान में कहा है कि ताजा तनाव के लिए हमास जिम्मेदार है। यूएई के विदेश मंत्रालय ने रविवार देर रात एक बयान जारी कर कहा कि फिलिस्तीनी समूह हमास के इजरायली शहरों पर हमला बेहद गंभीर है और इससे भारी तनाव पैदा हुआ है। मंत्रालय ने हिंसा को खत्म करने और नागरिकों की सुरक्षा का आह्वान किया। यूएई ने अपने बयान में इजरायल के खिलाफ कोई टिप्पणी नहीं की है।

जर्मनी की वह महिला पर्यटक जो इसराइल घूमने आई थी, हमास के आतंकियों ने उसे अर्धनग्न किया, उसकी हत्या की, हत्या करके शव को खुली जीप में घुमाया।

इस्लामिक देश कतर ने इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष के लिए इजरायल को जिम्मेदार बताया है। कतर के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि मौजूदा तनाव के लिए केवल और केवल इजरायल जिम्मेदार है क्योंकि वो फिलिस्तीनी लोगों के अधिकारों का दमन करता रहा है। साथ ही इजरायली सुरक्षा बल लगातार अल-अक्सा मस्जिद पर छापेमारी करते रहे हैं।

इस्लामिक देश तुर्की पूर्व में इजरायल के खिलाफ फिलिस्तीन का समर्थन करता रहा है, लेकिन शनिवार को दोनों पक्षों में जंग छिड़ने के बाद तुर्की ने बेहद नरमी से इस मुद्दे पर अपनी बात रखी है। तुर्की ने टू स्टेट रिजोल्यूशन की बात करते हुए कहा कि वो दोनों पक्षों के बीच तनाव को कम करने के लिए मध्यस्थता को तैयार है। तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगन ने कहा कि तुर्की इजरायल और फिलिस्तीन के बीच चल रही लड़ाई को कम करने के लिए राजयनिक प्रयासों को लेकर प्रतिबद्ध है। इसी के साथ ही एर्दोगन ने कहा कि क्षेत्रीय शांति हासिल करने के लिए टू स्टेट रिजोल्यूशन एकमात्र तरीका है।

मुस्लिम देश मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने रविवार को अंतरराष्ट्रीय समुदाय पर आरोप लगाया कि कई देश फिलिस्तीन के खिलाफ क्रूरता और उत्पीड़न को लेकर एकतरफा कार्रवाई का पक्ष ले रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘इजरायली लगातार फिलिस्तीनी लोगों की जमीन और संपत्ति पर कब्जा कर रहे हैं। इस अन्याय की वजह से सैकड़ों निर्दोष लोगों की जान चली गई। मलेशिया फिलिस्तीनी लोगों के संघर्ष में उनके साथ खड़ा है।
मलेशियाई विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि मलेशिया संघर्ष में मारे जाने वाले नागरिकों को लेकर चिंतित है। मंत्रालय ने कहा कि संघर्ष में नागरिकों की हत्या रोकी जानी चाहिए और दोनों ही पक्षों को संयम रखकर तनाव को कम करना चाहिए।

मुस्लिम बहुल देश इंडोनेशिया ने मानवीय क्षति रोककर हिंसा को तत्काल खत्म करने का आह्वान किया है। इंडोनेशिया के विदेश मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा, ‘इंडोनेशिया फिलिस्तीन और इजरायल के बीच बढ़ते संघर्ष से बहुत चिंतित है। इंडोनेशिया आगे होने वाली मानवीय क्षति से बचने के लिए हिंसा को तत्काल समाप्त करने का आग्रह करता है। दुनिया में सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाला देश इंडोनेशिया इजरायल के कब्जे को खत्म कर फिलिस्तीन को एक अलग देश के रूप में मान्यता देने की मांग करता रहा है।

बांग्लादेश ने इजरायल-फिलिस्तीन के बीच चल रही मौजूदा लड़ाई की कड़ी निंदा की है। बांग्लादेश ने कहा है कि दोनों पक्षों को तुरंत युद्धविराम लागू करना चाहिए, हिंसा से किसी पक्ष का फायदा नहीं होने वाला है। बयान में यह भी कहा गया कि बांग्लादेश मानता है कि फिलिस्तीन के क्षेत्र में इजरायल का कब्जा क्षेत्र में शांति के लिए बड़ी रुकावट है. इस समस्या के समाधान के लिए बांग्लादेश टू स्टेट रिजोल्यूशन का समर्थन करता है।

पाकिस्तान ने दोनों पक्षों के बीच तनाव को लेकर शनिवार को कहा कि मानवीय क्षति को रोकने और क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए हिंसा को तत्काल रोकने की जरूरत है। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘मध्य-पूर्व की मौजूदा स्थिति और फिलिस्तीन-इजरायल के बीच दुश्मनी पर हम नजर बनाए हुए हैं। मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलोच ने संघर्ष में मानवीय क्षति पर गहरी चिंता जताए हुआ कहा कि इजरायल-फिलिस्तीन पर पाकिस्तान का रुख हमेशा से एक जैसा रहा है। क्षेत्र की शांति कायम करने के लिए टू स्टेट रिजोल्यूशन ही एकमात्र तरीका है।

अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा कि अफगानिस्तान के विदेश मंत्री ने फिलिस्तीन के अपने समकक्ष से फोन पर बात कर उनके साथ अपना समर्थन जताया है। बातचीत में अफगान विदेश मंत्री ने कहा कि इस्लामिक देश शांतिप्रिय देश हैं जो इजरायल के हमलों को अस्वीकार करते हैं और चाहते हैं हिंसा तत्काल समाप्त की जानी चाहिए।

इस्लामिक देशों के संगठन इस्लामिक सहयोग संगठन, ओआईसी ने एक बयान जारी कर मध्य-पूर्व के ताजा हालात के लिए इजरायली कब्जे को जिम्मेदार बताया है। ओआईसी ने कहा कि इजरायल अंतरराष्ट्रीय कानूनों के हिसाब से फिलिस्तीन मुद्दे को समाधान निकालने में नाकाम रहा है। लगातार होने वाले इजरायली हमलों और फिलिस्तीन के लोगों के खिलाफ होने वाले अपराधों ने वहां के लोगों की संपत्ति और आजादी छिन ली है।

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