Monday, March 3, 2025
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बेटियों को स्वाबलंबी और सशक्त बनाना समाज का दायित्व: द्रौपदी मुर्मु

251 बेटियों को राष्ट्रपति ने दिया सुखमय जीवन का आशीर्वादछतरपुर। सिद्ध क्षेत्र बागेश्वर धाम में बुंदेलखंड षष्ठम् महाकुंभ 251 बेटियों के परिणय सूत्र में बंधने के साथ विराम की ओर चला गया। बुधवार को बेटियों को आशीर्वाद देने देश की राष्ट्रपति महामहिम द्रौपदी मुर्मु बागेश्वर धाम पधारीं। महामहिम ने बेटियों को आशीर्वाद देते हुए अपने संक्षिप्त उद्बोधन में कहा कि बेटियों को स्वाबलंबी और सशक्त बनाना समाज का दायित्व है। उन्होंने कहा कि संतों ने वाणी से समाज को राह दिखाई है, छुआछूत दूर करने की आज के कार्यक्रम से प्रेरणा मिलती है। बेटियों को उचित सम्मान दिलाने का सभी वर्गों को प्रयास करना चाहिए। बागेश्वर धाम के विवाह महामहोत्सव में साक्षी के रूप में प्रदेश के राज्यपाल मंगू भाई पटेल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के अलावा सासंद वीडी शर्मा, गीता मनीषी ज्ञानानंद महाराज, आचार्य बालकृष्ण, सांसद मनोज तिवारी मंचासीन रहे।

जानकारी के मुताबिक राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु सुबह करीब साढ़े 11 बजे खजुराहो एयरपोर्ट पहुंची जहां राज्यपाल मंगू भाई पटेल और डॉ. मोहन यादव ने उनकी अगवानी की। राष्ट्रपति के बागेश्वर धाम आने पर सबसे पहले उनके द्वारा मंदिर जाकर बालाजी को प्रणाम किया गया। पूजा-अर्चना के बाद वे आयोजन स्थल पर पहुंची, जहां उन्होंने सामूहिक कन्या विवाह में दुल्हन बनीं 251 बेटियों को आशीर्वाद दिया। मंच पर बागेश्वर महाराज ने तुलसी की माला, हनुमान यंत्र, धाम से जुड़ा साहित्य और बालाजी का विग्रह भेंट कर राष्ट्रपति का स्वागत किया। अपने उद्बोधन में राष्ट्रपति ने कहा कि वे यह आयोजन देखकर अत्यंत प्रसन्न हैं।

हम सबके ऊपर महादेव की कृपा है, तभी यह संभव हो सका है। उन्होंने महाराजश्री को आयोजन के लिए धन्यवाद देते हुए बेटियों को विवाह सूत्र में बांधने तथा उनके सुखमय जीवन की कामना की। उन्होंने कहा कि महिलाएं सबल होंगी तो देश सबल होगा। आयोजन की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन से छुआछूत वाली मानसिकता को दूर करने की सीख मिलती है। कार्यक्रम में राज्यमंत्री दिलीप अहिरवार, छतरपुर विधायक ललिता यादव, राजनगर विधायक अरविंद पटैरिया सहित लाखों लोग उपस्थित रहे। खाली हाथ नहीं, उपहार के साथ आईं महामहिमयह अत्यंत गौरवपूर्ण क्षण रहा जब देश की राष्ट्रपति महामहिम बेटियों को उपहार भेंट करने दिल्ली से सामग्री लेकर आईं। एक ट्रक से अधिक सामग्र्री बेटियों को देने के लिए लाई गई थी। महामहिम 251 बेटियों के विवाह में खाली हाथ नहीं आईं। उन्होंने बेटियों को साड़ी और दूल्हों को सूट उपहार के रूप में भेंट किया।जिनका काई नहीं, उनका सहारा बनकर देखो: बागेश्वर महाराजबुंदेलखंड के महाकुंभ के रूप में आयोजित 8 दिवसीय महामहोत्सव के अंतिम दिन 251 बेटियों को परिणय सूत्र में बांधा गया।

बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पं. धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने इस आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में आईं महामहिम राष्ट्रपति का स्वागत करते हुए कहा कि पूरे बुंदेलखंड और बागेश्वर धाम परिवार की ओर से आप सभी का स्वागत है। बागेश्वर धाम परमार्थ का सबसे बड़ा केन्द्र बनकर सामने आया है। उन्होंने कहा कि जिनका कोई सहारा नहीं होता, उनके लिए बागेश्वर धाम की तिजोरी खुली है। महाराजश्री ने कहा कि समाज के अनाथ वंचित और दीन-हीन वर्गों का सहारा बनकर देखोगे तो उससे बड़े आनंद की अन्य किसी कार्य में अनुभूति नहीं होगी। महाराजश्री ने कहा कि आज बेटियां अंतरिक्ष तक छलांग लगा रही हैं। बड़े दिलवालों के घर भगवान बेटियां पैदा करता है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति संकल्प ले कि वे बेटियों के विवाह में अपने योगदान देंगे। आज बना नया कीर्तिमान, महाराजश्री ने मंगवाएं 251 घोड़े: डॉ. मोहन यादवप्रदेश के मुखिया डॉ. मोहन यादव ने कहा कि आज यहां आकर मन अत्यंत प्रफुल्लित है। महत्वपूर्ण तो यह है कि महाराजश्री ने दूल्हों को बैठाने के लिए 251 घोड़े मंगवाए हैं।

महाराजश्री की यह शैली समाज में फैले जातिगत भेदभाव को घोड़ों के पैरों तले कुचल रही है। उन्होंने कहा कि यह मंच शासन, सत्ता और संत की त्रिवेणी के रूप में दिखाई दे रहा है। उन्होंने कहा कि मप्र सरकार की ओर से 51 हजार रुपए देने की भावना है, इसलिए सरकार की योजना का लाभ यहां आए जोड़ों को मिलेगा।भावी पीढ़ी को अच्छे संस्कार और आदर्शों की सीख मिलती है: मंगू भाई पटेलप्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने सभी नवविवाहित जोड़ों के सुखमय जीवन की कामना करते हुए कहा कि ऐसे आयोजनों से न केवल समाज का विकास होता है बल्कि भावी पढ़ी को अच्छे संस्कारों और आदर्शों की सीख मिलती है। उन्होंने कहा कि यह परंपरा गौरवशाली है। उन्होंने प्रभु से प्रार्थना करते हुए कहा कि सभी नवदंपत्तियों का जीवन सुखी और समृद्ध रहे।

20 लाख लोगों के भोजन प्रसाद की रही व्यवस्थाआयोजन में लगभग 20 लाख लोगों के भंडारे की व्यवस्था रही। मेन्यू में जलेबी, मालपुआ, पुलाव, मटर पनीर, कश्मीरी आलू, दाल तड़का, वेज पुलाव, सादा पूड़ी, पालक पूड़ी, बूंदी रायता, रबड़ी, सूजी का हलवा, बूंदी, शुद्ध घी की जलेबी समेत 13 व्यंजन परोसे गए। बागेश्वर धाम में भंडारे की जिम्मेदारी सागर के कैटरर्स को दी गई। इसके संचालक राजा ठाकुर बताते हैं कि करीब 400 लोगों का स्टाफ खाना बनाने में जुटा रहा। इतने ही धाम के शिष्य मंडल की टीम के सदस्य भी शामिल रहे। इसके अलावा राजस्थान से 20 लाख छेना के रसगुल्ले भी मंगवाए।

उपहार में मिली लाखों रुपए की सामग्री, बेटियां बनेंगी आत्मनिर्भर251 बेटियों को परिणय सूत्र में बांधकर महाराजश्री ने घर-गृहस्थी के जरूरत की समस्त सामग्री उपहार के रूप में दी गई है। नवविवाहित जोड़ों को उपहार के रूप में बालमुकुंद भगवान विग्रह, बालाजी सरकार विग्रह, रामचरितमानस, बागेश्वर धाम कैलेंडर, गाय-बछड़ा, वर को शेरवानी, पगड़ी, दुल्हन का लहंगा, चुनरी, मंगलसूत्र, पायल, बिछिया, नाक की कील, कान के टॉप्स, कूलर, 7 साड़ियां, दुल्हन के लिए सैंडिल, चांदी का सिक्का, चांदी का श्रीफल, मेकअप किट, चूड़ी सेट, डबल बेड, सोफा, ड्रेसिंग, अलमारी, दो गद्दा, तकिया, कंबल, ट्रॉली बैग, कलर एलईडी टीवी 38 इंच, सिलाई मशीन, सीलिंग फैन, वॉटर हीटर, इलेक्ट्रिक प्रेस, दीवार घड़ी, गैस सिलेंडर, चूल्हा, बर्तन सेट (5), प्रेशर कुकर (5 लीटर), स्टील कलश, टिपारा, सुपा, मिक्सी, खिचड़ी, कांसे का कटोरा, मसाला दानी, हॉट पॉट, दुल्हन के लिए स्वेटर, नेपाली जयमाला, लेडीज पर्स, लाइटर, आर्टिफिशियल हार, बाथरूम किट के अलावा बेटियों को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए आटा चक्की सहित करीब 60 प्रकार के उपहार दिए गए।

देश के प्रख्यात संत, फिल्म जगत, क्रिकेटर, समाजसेवी बने ऐतिहासिक पलों के साक्षीसामूहिक विवाह महोत्सव में जहां संतों के रूप में बद्रीनाथ धाम से आए संत बालक योगेश्वर दास महाराज, कथा वाचक संजीव कृष्ण ठाकुर, रामजी महाराज, बक्सर बिहार के गंगा पुत्र दंडी स्वामी, फिल्म अभिनेत्री उर्वशी रौतेला, सुरभी तिवारी, बुंदेली गायिका कविता शर्मा, शुक्ति दुबे, एस्सार ग्रुप के प्रशांत रूईया, झारखंड के सांसद निशिकांत दुबे, दिल्ली के मंत्री कपिल मिश्रा, पूर्व क्रिकेटर वीरेन्द्र सहवाग, रॉबिन उथप्पा, आरपी सिंह सहित कई नामी-गिरामी हस्तियां बेटियों को आशीर्वाद देने उपस्थित रहीं।कार्यक्रम की प्रमुख झलकियांबेटियों को सजाने के लिए मेकअप आर्टिस्ट बुलाए गए।एसएएफ छठवीं बटालियन जबलपुर के बैंड ने प्रस्तुतियां दीं।कार्यक्रम में साइन लैंग्वेज एक्सपर्ट ने सभी के भाषण को ट्रांसलेट किया।सुरक्षा के लिहाज से डॉग स्क्वॉड रोमियो की ड्यूटी रही, पहाड़ी पर पुलिस बल तैनात रहा।चिकित्सा के लिए 20 बेड का मिनी अस्पताल बनाया गया, 10 एम्बुलेंस तैनात रहीं।

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