पीलिया से बचाने के लिए टैंकर से पानी की सप्लाई की जा रही है.
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में कोरोना वायरस (Corona Virus) से जंग के बीच राजधानी रायपुर (Raipur) में पीलिया को लेकर स्थिति चिंताजनक हो रही है.
पीलिया राजधानी रायपुर के लिए कोई अनजान बीमारी नहीं है. कमोबेश हर साल गर्मी और बारिश में शहर में इससे सामना होता ही है. उसके बाद भी रोज मरीज बढ़ रहे हैं. पीलिया के जहां जहां मरीज मिल रहे हैं, वहां पाइप लाइन बदलने का काम तो किया ही जा रहा है, लेकिन नए इलाकों में मिल रहे मरीज चिंता का विषय है. रायपुर में सरकार द्वारा पेश आंकड़ों के मुताबिक 6 मई की शाम तक 18 हजार 767 घरों का परिक्षण किया गया. 2843 लोगों का रक्त परीक्षण किया गया. पानी की सफाई के लिए 68626 क्लोरीन टेबलेट बांटने का दावा किया गया है. 2843 व्यक्तियों के परीक्षण में 512 में हैपेटाइटिस वायरस के मरीज पाए गए.
पानी से परेशानी
वरिष्ठ पेट रोग विशेषज्ञ डॉ संदीप पांडेय का कहना है कि शहर में पीलिया दूषित पानी एक बड़ी वजह है. जिस तरह से मरीजों की संख्या 722 हो गई है तो लोगों को बहुत सतर्कता बरतनी चाहिए. पानी उबाल के ही पीयें. ये जरूर है कि लोग लॉक डाऊन के चलते बाहर का कुछ खा पी नहीं रहे हैं. इससे स्थिति और खराब नहीं हुई. नहीं तो मरीज और भी बढ़ते. लोग बाहर का खाना नहीं खा रहे. गुपचुप, गन्ना रस वगैरह पानी बेसिक सोर्स है और बाहर इन चीजों के जरिये उन लोगों तक भी पहुंचता है, जिनके इलाके में पानी साफ आ रहा है. उनका कहना है कि उनके पास रोज चार से पांच मरीज आ रहे हैं, जिनमे कुछ तो जिनको प्राथमिक लक्षण दिखते हैं.ये भी पढ़ें:
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First published: May 7, 2020, 7:03 AM IST