झूठ बोले कौवा काटे से ख्यात हुए विट्ठल भाई पटेल,सागर मध्यप्रदेेेश के निवासी थे,इस पर गर्व होता है। जाने-माने गीतकार स्व श्री विट्ठल भाई पटेल आज से सात वर्ष पहले दुनिया से विदा हुए। वे बहुआयामी व्यक्ति थे। गीतकार होने के साथ ही एक कर्मठ राजनेता, गांधीवादी समाज सुधारक, एक कवि और सहज व्यक्ति। सबसे बड़ी बात वे एक संवेदनशील व्यक्ति थे। वे सरल और सह्रदय थे। उनके सरल -सहज होने का गलत लाभ भी लोग ले लिया करते थे। ये बात बहुत कम लोग जानते हैं कि उनके एक गीत को अपने नाम से प्रचारित करने वाले बॉलीवुड के उस प्रख्यात गीतकार ने मामला सामने आने पर विट्ठल भाई जी से क्षमा भी मांगी थी।
फिल्म बॉबी के गीत झूठ बोले कौआ काटे… ने विट्ठल भाई जी को देश-विदेश में ख्याति दिला दी थी।इसके अलावा फिल्म धर्मात्मा, सन्यासी, सत्यम-शिवम-सुन्दरम आदि के लिए भी उनके गीत सराहे गए। रंग महल के दस दरवाजे, सैंया निकस गए…. (सत्यम-शिवम-सुन्दरम ) और वक्त से पहले किस्मत से ज्यादा (बीबी ओ बीबी) कभी पलकों पे आंसू हैं… (हरजाई ) सोने का चबूतरा उसपे नांचे मोर चलो भूल जाए जहाँ को…. (दो झूठ) भीगी-भीगी रात-सुहानी… (धूप छांव) जब-जब जो-जो होना है ….(विश्वनाथ) बाली उमरिया भजन करूं कैसे…. (सन्यासी) वो कहते हैं हमसे, ये उमर नहीं हैं प्यार की … (दरिया दिल) मौसम आएगा-जाएगा… (शायद) काफी पसंद किए गए। लता मंगेशकर, किशोर कुमार, मुकेश, भूपिन्दर आदि गायक-गायिकाओं ने विट्ठल भाई जी के गीतों को आवाज दी।
ये बात सच है कि यदि श्री विट्ठल भाई स्थायी रूप से मुम्बई में रहते तो आज उनकी गिनती अग्रणी गीतकारों में होती। उनका सम्पर्क 1965 में सागर जिले में तीसरी कसम की शूटिंग के दौरान राजकपूर जी से हुआ था। अभिनेता निर्देशक मनोज कुमार और अन्य भी अभिनेता विट्ठल भाई जी के मित्रों में शामिल रहे।
गुजरात के खेड़ा जिले के मूल निवासी पटेल साहब के पिता श्री लल्लू भाई पटेल वर्ष 1930 में सागर आकर बसे। उस दौर में गुजरात के अनेक परिवारों ने सागर आकर व्यावसाय शुरू किया। जब 1979 में गुजरात के मोरवी नगर के पास बांध क्षतिग्रस्त होने से जल प्लावन हुआ था तब सागर के निवासियों ने काफी सहयोग किया। तब सागर में श्री पटेल ने प्रो. मनवानी और अन्य समाजसेवियों की मदद से आर्थिक सहयोग किया था। तब सागर के बच्चों ने भी अपनी बचत के गुल्लक के पैसे तक गुजरात भेज दिए थे।
सागर की झील के संरक्षण के लिए उन्होंने कई बार श्रमदान किया। इससे शहर के नागरिक भी शहर की धरोहर को बचाने के लिए आगे आए। यही नहीं खण्डवा में पार्श्व गायक किशोर कुमार की समाधि के लिए विट्ठल भाई जी ने जन सहयोग से राशि एकत्र करने में योगदान दिया।
मध्यप्रदेश के सागर नगर से गुजरात का गहरा संबंध है। गुजरात के अनेक परिवार करीब सौ साल पहले सागर आकर बसे। कुछ परिवारों ने यहाँ बीड़ी निर्माण के कुटीर उद्योग को स्थापित करने में योगदान दिया। इसी तरह का परिवार है पटेल परिवार। विट्ठल भाई के बेटे संजय भाई सागर में शिक्षा और समाजसेवा से जुड़े रहे। जनवरी 2020 में संजय भाई भी दुनिया छोड़ गए। सागर शहर के राधेश्याम भवन में विठ्ठल भाई जी के संग्रहालय कक्ष में आज भी बॉबी फिल्म के ओरिजनल एलपी रिकार्ड (जिसने बिक्री के सारे रिकार्ड तोड़ दिए थे) सहित वो अनेक गीत मौजूद हैं जिन्होंने इस छोटे से नगर से इतना बड़ा गीतकार पैदा किया। उनकी जयंती और पुण्यतिथि पर उनके प्रशंसक उन्हें स्मृति आयोजन कर श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं।
अशोक मनवानी
लेखक मध्यप्रदेश जनसंपर्क में उपसंचालक हैं और कला जगत में भी दखल रखते हैं।