नई दिल्ली. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जेएनयू परिसर में हुए हमले पर सोमवार को कहा कि जब मैं जेएनयू में पढ़ता था, तब वहां कोई टुकड़े-टुकड़े गैंग नहीं थी। उन्होंने पुस्तक विमोचन के एक कार्यक्रम में यह बात कही। इससे पहले उन्होंने ट्वीट कर इस घटना की निंदा की और कहा, ‘‘जेएनयू में जो कुछ हुआ, उसकी तस्वीरें देखीं। हिंसा की मैं कड़ी शब्दों में निंदा करता हूं। यह यूनिवर्सिटी की संस्कृति और परंपरा के बिल्कुल विपरीत है।’’ जयशंकर ने जेएनयू से राजनीति विज्ञान से एमए और अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर एमफिल और पीएचडी की है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की मौजूदा कूटनीति अगले एक दशक में भारत को एक सशक्त राष्ट्र बनाने का काम करेगी। उन्होंने कहा कि आतंकवाद से भारत को जितना नुकसान हुआ है उतना किसी भी देश को नहीं हुआ, लेकिन इसे लेकर हमारी स्थायी नीति नहीं रही। अनुच्छेद 370, सीएए जैसी नीतियों को लेकर सरकार की कूटनीति का विरोध करने वालों पर भी उन्होंने निशाना साधा। सामान्य रूप से टुकड़े-टुकड़े गैंग शब्द दक्षिणपंथी पार्टियां, वामपंथी दलों पर निशाना साधने के लिए इस्तेमाल करती हैं।
जेएनयू में फीस बढ़ोतरी के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान रविवार रात हिंसा हुई
इससे पहले, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी जेएनयू घटना पर दु:ख जताया था और निंदा की थी। उन्होंने ट्वीट किया था- जेएनयू से डरावनी तस्वीरें सामने आ रही हैं। सरकार चाहती है कि सभी छात्रों के लिए विश्वविद्यालय सुरक्षित रहे। जेएनयू में फीस बढ़ोतरी के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान रविवार रात हिंसा हुई थी। नकाबपोशों ने छात्र-शिक्षकों को डंडे और लोहे की रॉड से बुरी तरह पीटा। हमले में छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष समेत कई घायल हो गए थे। आइशी ने एबीवीपी पर हमले का आरोप लगाया और कहा कि नकाबपोश गुंडों ने मुझे बुरी तरह पीटा। करीब 35 लोग जख्मी हो गए।