- भांजियों के विवाह में पहुंचे मामा ने बताई कांग्रेस सरकार की करतूत
भोपाल/पन्ना। कांग्रेस और कमल नाथ को कभी भी जन कल्याण की योजनाएं पसंद ही नहीं रहीं। जब उनकी सरकार थी तो उन्होंने प्रदेश में बेटियों के निःशुल्क विवाह योजना को ही रोक दिया था। हमारी बेटियों को शादी के समय ₹49000 देना बंद कर दिया था। भाजपा द्वारा शुरू की गई कई जनकल्याणकारी योजनाएं कमल नाथ ने बंद कर दिया था। अब जब दोबारा हमारी सरकार आई तो हमने बेटियों को ₹49000 देना शुरू किया है। उक्त बातें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पन्ना जिले के ग्राम बनोली में कहीं
शिवराज सिंह मां कंकाली देवी मंदिर प्रांगण में आयोजित सामूहिक विवाह समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज मेरी भांजियों की शादी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले वीडियो को बोझ माना जाता था। उनकी शादी का खर्च से बचने के लिए परिवार वाले बेटी पैदा करने से बचते थे। यह बात मेरे मन को बहुत पीड़ा पहुंचाती थी।तब हमने तय कर लिया की बेटियां बोझ न रहे। इसके लिए हमने फैसला किया कि भांजियों की शादी सरकार करेगी। बेटियों को 49 हजार का चैक भी देंगे, ताकि भविष्य में बेटियों की जरूरतें पूरी हो सकें। अब हमारी सरकार 49 साल की राशि को बढ़ाकर ₹51000 देगी।
कंकाली माता का आशीर्वाद बना रहे
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मामा की दुआएं लेती जाओ, जाओ तुमको सुखी संसार मिले। कंकाली मैया का आशीर्वाद सदा साथ रहे। हमारी संस्कृति में विवाह समझौता नहीं, संस्कार है, पवित्र आत्माओं का बंधन है, जनम-जनम का साथ है, इसलिए पति-पत्नी शरीर से दो हो सकते हैं। विवाह के बाद आत्मा एक हो जाती हैं। मिलजुक कर रहना, दोनों परिवारों का नाम रोशन करना। समाज की भलाई के काम करना और एक दूसरे का आदर करना। परिवार का नाम रोशन करना। सात फेरों के सात वचन हम शादी में देते हैं। उनका दूल्हा भी पालन करे और बेटी भी पालन करे। मिलजुल कर गृहस्थी चलाएं।
दामादों, मेरी बेटियों से लड़ाई मत करना
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि दामादों से कह रहा हूं, बेटियों से लड़ाई मत करना नहीं तो मामा से लड़ाई हो जाएगी।
पीएम जन सेवा अभियान में कराएं निराकरण
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अभी सीएम जनसेवा अभियान चल रहा है। इसमें जनसमस्यों का निराकरण किया जा रहा है। अधिकारी-कर्मचारी इसे सही तरह से करें और जनप्रितनिधि इनका ध्यान रखें। जनता की सारी समस्याओं का निराकरण हो जाना चाहिये।