Friday, November 22, 2024
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शरीर में 751 सूई चुभोकर कैमूर के सिंटू चल पड़े हैं बाबाधाम

भागलपुर। विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला में एक से बढ़कर एक अजब अनोखे कांवरिये हर साल आते हैं। भक्ति भाव की पराकाष्ठा में कुछ अलग कर दिखाने की प्रबल आकांक्षा ऐसे भक्तों को पूरे मेला मार्ग में आकर्षण का केंद्र बना देते हैं। चार जुलाई से शुरू श्रावणी मेला में अभी तक कई अजब-गजब रूप, रंग, आकार के कांवर लेकर कांवरिये जा चुके हैं। तरह तरह के कांवरिया गेरुआ वस्त्र धारण किए सुल्तानगंज पहुंच रहे हैं। इन सबसे अलग एक कांवरिया ऐसा भी है जिसके शरीर के ऊपरी हिस्से में वस्त्र की कोई जरूरत ही नहीं है। श्रावण कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि पर एक ऐसा अनोखा भक्त जल भरने कैमूर जिला के कुदरा से आया है जिसने गंगा तट पर उतरते ही पूरी भीड़ का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है। यह हठी कांवरिया संटू शर्मा उर्फ केसरिया लोहार अपने शरीर में हजारों सुई पिरोकर गंगाजल भरने के लिए सुल्तानगंज पहुंचा है। जिसे देखने के लिए लोगों की भीड़ इकट्ठी हो गई। संटू शर्मा ने बताया कि भगवान भोले को कोई औघड़नाथ तो कोई औघड़दानी तो कोई पगला बाबा कहता है। मैं उसी पगला बाबा का भक्त एक पागल हूं जो बाबा का दर्शन करने देवघर जा रहा हूं। उन्होंने कहा कि बचपन से सुनता आ रहा हूं कि जो भी सच्चे मन से मुरादें लेकर बाबा बैद्यनाथ के दरबार में जाता है उसकी मुरादें पूरी होती हैं। इसी उम्मीद के साथ मैं अपनी एक मन्नत लेकर बाबा भोले के दरबार में हाजिरी लगाने जा रहा हूं। शायद मेरी भी पुकार भगवान भोलेनाथ सुन लें। उन्होंने कहा कि हजारों सुई की चुभन से शरीर में दर्द तो हो रहा है। लेकिन भगवान भोलेनाथ की भक्ति के आगे यह दर्द कुछ भी नहीं है। उन्होंने कहा कि मैं अच्छा खासा अपना रोजगार कर रहा था। लेकिन दो वर्षों के लॉकडाउन ने मेरा सब कुछ छीन लिया और मैं सड़क पर आ गया। लॉकडाउन की वजह से हुए कर्ज ने मेरी कमर तोड़ कर रख दी। मैं जिंदगी से तंग आकर कुछ दूसरा रास्ता अपनाना चाहता था। लेकिन परिजनों के समझाने के बाद अब अपनी अर्जी लेकर भगवान भोले के दरबार में जा रहा हूं। अब बाबा बैद्यनाथ ही मेरा सच्चा मार्गदर्शन करेंगे।

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