भोपाल। मध्य प्रदेश मंत्रिमंडल ने शनिवार शाम को राज्य की महात्वाकांक्षी ‘मुख्यमंत्री लाड़ली बहना’ योजना को मंजूरी दे दी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस योजना को महिला सशक्तिकरण की बड़ी पहल बताया है। शिवराज ने कहा कि यदि बहन, महिलाएं सशक्त होंगी तो राज्य सशक्त होगा, देश सशक्त होगा। उन्होंने कहा कि मुझे यकीन है कि मेरी बहनें इस पैसे का इस्तेमाल अपने परिवारों को सशक्त बनाने और लाभ पहुंचाने के लिए करेंगी।
5 मार्च से लागू होगी योजना
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना 5 मार्च से शुरू होगी। इस दिन शिवराज का जन्म दिन भी है। योजना के लिए आवेदन 15 मार्च से शुरू होंगे, आवेदन प्रक्रिया के लिए अलग-अलग गांवों में टीमें जाएंगी।
क्या है लाड़ली बहना योजना
मध्य प्रदेश के सभी महिलाओं को प्रतिमाह एक हजार रुपए और हर साल के 12 हजार रुपए दिए जाएंगे। योजना का लाभ प्रदेश की उन्ही महिलाओं को मिलेगा जिनकी वार्षिंक आय 2 लाख 50 हजार रुपए से कम है। इस योजना का लाभ प्रदेश की सभी वर्ग और पंथ की महिलाओं को मिलेगा। एक परिवार से एक ही महिला को इस योजना का लाभ मिलेगा।
किसे मिलेगा योजना का लाभ
मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि इस योजना से वे परिवार लाभान्वित होंगे, जिनके पास 5 एकड़ से कम कृषि भूमि है। महिला आयकर दाता परिवार से न हो। योजना के तहत 10 जून से खातों में पैसा ट्रांसफर होना शुरू होगा। इसके बाद से हर महीने इसी तारीख को खातों में पैसा आएगा।
सरकार पर कितना भार आएगा
राज्य के महिला बाल विकास विभाग ने 2023-24 के बजट में लाड़ली बहना योजना के लिए करीब 1000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। अधिकारियों ने बताया कि अगले पांच साल में योजना में 61,890.84 करोड़ रुपए के खर्च का आकलन किया गया है।
यह दस्तावेज होना आवश्यक
जिस भी महिला को लाड़ली बहना योजना का लाभ लेना है उसके पास परिवार की समग्र आईडी, स्वयं की समग्र आईडी और खुद का आधार कार्ड होना जरूरी है। आवेदन पत्र के अनुसार पूरी जानकारी ऑनलाइन दर्ज की जाएगी। ऑन स्पॉट फोटो निकालकर पोर्टल पर अपलोड करनी होगी। फॉर्म जमा होने के बाद पावती का प्रिंट आउट भी महिला को दिया जाएगा।
चुनावी मास्टर स्ट्रोक
चुनावी साल में यह योजना भाजपा सरकार का मास्टर स्ट्रोक मानी जा रही है। योजना के फाॅर्म भरने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायत सचिव फॉर्म भरवाएंगे। शहरी क्षेत्रों में सभी वार्डों में एक से ज्यादा जगहों पर कैम्प लगाए जाएंगे।