मुरैना -जौरा तहसील में स्यारू हल्के के पटवारी सुजान सिंह गुर्जर ने किसान रघुवीर टैगोर से 10 हजार रुपये की रिश्वत ली। रिश्वत के रुपयों को लेने के बाद पटवारी अपनी गाड़ी में बैठकर जौरा से मुरैना के लिए रवाना हो गया। उक्त पटवारी के रिश्वत लेने की जानकारी पहले से ही लोकायुक्त टीम को थी। तय समय पर ग्वालियर की लोकायुक्त टीम जौरा तहसील नहीं पहुंच पाई, इससे पहले ही पटवारी किसान से रिश्वत लेकर अपने घर के लिए रवाना हो गया। कुछ ही देर में लोकायुक्त टीआइ रानीलता नामदेव की अगुआई में एक टीम पहुंची और उसने पटवारी सुजान सिंह की गाड़ी का पीछा शुरू कर दिया। जौरा से करीब पांच किलामीटर दूर छैरा-बिलगांव के पास पटवारी की गाड़ी को लोकायुक्त व पुलिस टीम ने रुकवाया। पटवारी की तलाशी ली गई तो उसकी जेब से वह 10 हजार रुपये निकले जो किसान रघुवीर टैगोर से लिए थे। हाईवे पर ही लोकायुक्त टीम ने पटवारी के हाथ केमिकल वाले पानी से धुलवाए तो हाथ और पानी गुलाबी रंग में रंग गया। इसके बाद पटवारी को गिरफ्तार कर जौरा तहसील ले जाया गया, जहां पूरे प्रकरण की लिखा-पढ़ी के बाद पटवारी को जमानत पर छोड़ दिया गया। किसान रघुवीर टैगाेर ने बताया, कि उसकी जमीन स्यारू हल्के में हैं, जिसका इंद्राज होकर नामांतरण होना है। कई महीने से पटवारी सुजान सिंह गुर्जर ने इस काम के लिए परेशान कर रहा था। बाद में काम करने के एवज में 20 हजार रुपये मांगने लगा। किसान के अनुसार पटवारी 10 हजार रुपये में पूरा काम करने राजी हो गया। इस बात के पूरे प्रमाण उसने लोकायुक्त ग्वालियर में जाकर दिए। इसके बाद लोकायुक्त से ही उसे 10 हजार रुपये के नोट दिए गए, यही नोट उसने पटवारी को आकर दिए। बताया गया है, कि उक्त पटवारी की ड्यूटी शुक्रवार को बागचीनी चौखट्टा पर मंदिर की जमीन से अतिक्रमण हटवाने वाले दल में लगाई गई थी, लेकिन 10 हजार की रिश्वत के लिए वह इस कार्रवाई से चकमा देकर जौरा पहुंच गया, जहां किसान से घूंस के पैसे लिए।
वाइट राघवेंद्र सिंह तोमर लोकायुक्त डीएसपी ग्वालियरवाइट रघुवीर टैगोर फरियादी