दो बार छोड़ा जंगल में हर बार पहुंच जाता है आबादी के पास
भोपाल। महाराष्ट्र के अमरावती जिले में दो इंसानों की जान लेने वाला आदमखोर बाघ भोपाल के वन विहार में क्वारेंटीन किया गया है। इस टाइगर को शनिवार को कान्हा नेशनल पार्क से वन विहार लाया गया।
पूर्ण वयस्क इस नर बाघ को वन विहार लाने से पहले दो बार जंगल में छोड़ा गया,लेकिन वह हर बार आबादी के निकट जा पहुंचता था। अक्टूबर 2018 में अमरावती के पास दो लोगों को मारने वाला यह बाघ दिसंबर 2018 में बैतूल जिले से मध्यप्रदेश आ गया था। आदत के मुताबिक वह गांव के पास चक्कर काटने लगा तो सबसे पहले उसे पकड़ कर सतपुड़ा नेशनल पार्क के घने जंगल मे छोड़ा गया। वहाँ भी वह गांव के पास पहुंच गया।
बाघ को दोबारा पकड़ कर कान्हा नेशनल पार्क में बाड़े में रखा गया। वहां से उसे आज भोपाल लाया गया। वन विहार आते ही टाइगर ने तेवर दिखाना शुरु कर दिया।
बाघ को यहां बाड़े में रखा जाएगा। फिलहाल उसे क्वारेंटीन किया गया है। दो सप्ताह तक आइसोलेशन में रखने के बाद उसे प्रदर्शन बाड़े में शिफ्ट किया जा सकता है। इस नए बाघ का सरन नाम रखा गया है। इसे मिला कर वन विहार में अब 14 बाघ हो गए हैं।