लखनऊ। पूर्व मुख्यमंत्री बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने बुधवार को राजधानी लखनऊ में पार्टी पदाधिकारियों के साथ पार्टी संगठन की समीक्षा की।पार्टी के जनाधार को बढ़ाने के सम्बंध में पिछले 2 मार्च को दिये गये दिशा-निर्देशों की प्रगति रिपोर्ट लेने के साथ ही आगे के लिये कमियों को दूर करके लक्ष्य की समयबद्ध प्राप्ति के लिए भी निर्देश दिये।डाॅ. भीमराव अम्बेडकर और कांशीराम की जयंती पूरी मिशनरी भावना से परिवार के साथ मनाने की अच्छी परम्परा के लिए बसपा मुखिया मायावती ने सभी की प्रशंसा और तहेदिल से आभार और धन्यवाद प्रकट किया।यूपी के समग्र और यहां सर्वसमाज के सर्वांगीण विकास के पिछड़ते हुए हालात और कानून व्यवस्था के मामले में भी बिगड़ती हुई स्थिति पर मायावती ने गंभीर चिन्ता व्यक्त की।
बसपा मुखिया मायावती ने कहा कि वैसे भी डबल इंजन की यूपी सरकार सर्वसमाज के ग़रीबों के हित, कल्याण व विकास के लिए सही से कार्य ना करके,सपा सरकार की तरह ही, केवल कुछ क्षेत्र व समूह विशेष के लिए समर्पित रहना और वैसा ही दिखना चाहती है, जिससे यूपी का समग्र व समुचित विकास प्रभावित, जबकि बीएसपी की सरकारों में सभी की खुशी व खुशहाली का ध्यान रखा गया।मायावती ने कहा कि इसीलिए सरकार धर्म को कर्म नहीं बल्कि कर्म को धर्म मानकर संवैधानिक दायित्व सही से निभाये।बसपा मुखिया मायावती ने कहा कि ट्रम्प टैरिफ के विकट समय में जब भारतीय अर्थव्यवस्था को भी चारों तरफ से भारी वैश्विक चुनौतियों का सामना है,ख़ासकर भाजपा व उनकी राज्य सरकारों तथा इनके नेताओं को भी वोटों के स्वार्थ की संकीर्ण राजनीति त्याग कर केन्द्र सरकार को कंधे से कंधे मिलाकर सहयोग करने की पहल जरूर करनी चाहिये,जिस क्रम में शान्ति-व्यवस्था अत्यन्त ही ज़रूरी है।