भोपाल। MP Congress के मीडिया विभाग के अध्यक्ष के.के. मिश्रा ने कल प्रदेश में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेन्द्रसिंह सिसोदिया (Minister Mahendra Singh Sisodia) के ओएसडी ब्रजेन्द्र श्रीवास्तव (Brijendra Shrivastava) द्वारा मंत्री के अधिनस्थ तत्कालीन प्रमुख अभियंता बी.एस. चंदेल के कक्ष में विभिन्न संभागों के मजबूत और मजबूर स्थानों से अपने रुतबे के साथ किये जाने वाली वसूली के तीन अलग-अलग वीडियो जारी कर उन पर अवैध वसूली का गंभीर आरोप लगाया है।
मिश्रा (KK Mishra) ने सरकार से जानना चाहा है कि यदि मप्र में भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को बीना रिफायनरी के संपन्न कार्यक्रम में भ्रष्टाचार पर लगाम और सुशासन की पारदर्शिता पर जोर दिया है तो मंत्री जी के ओएसडी के इस कृत्य को किस श्रेणी में शामिल किया जायेगा? मिश्रा ने कहा कि उक्त ओएसडी का कार्यकाल अत्यंत विवादास्पद रहा है। पूर्व में प्रदेश भर की सभी पंचायतों से इनके खिलाफ 20 प्रतिशत अवैध वसूली एकत्र करने के गंभीर आरोपों की शिकायत मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के समक्ष की गई थी। इसके बाद मुख्यमंत्री ने ब्रजेन्द्र श्रीवास्तव को मंत्री के ओएसडी पद से हटाने का निर्देश दिया था, बावजूद उसके वे आज भी अपरोक्ष रूप से मंत्री के वसूली अधिकारी के रूप में कार्य कर रहे हैं! लाजमी है कि उन्हें किसका संरक्षण प्राप्त है, सार्वजनिक होना चाहिए?
मिश्रा ने यह भी आरोप लगाया कि अब तो इनके द्वारा बेलगाम होकर 50 प्रतिशत कमीशनखोरी की जा रही है और तमाम शिकायतों और प्रमाणों में बावजूद भी उनका कोई भी कुछ भी नहीं कर पा रहा है! उन्होंने यह भी कहा कि प्रमुख अभियंता के कक्ष में बैठकर आरईएस के उपयंत्री के पद पर काबिज एक ओएसडी प्रमुख अभियंता के सामने ही अन्य अधिकारियों को यह निर्देश दे रहा है कि इतनी राशि, इतने दिनों में एकत्र करना है और यह राशि इतनी बड़ी भी नहीं है जिसे मालगाड़ी में रखना पड़े, यह बेशर्मी की इंतहा है! मिश्रा ने यह भी कहा कि उक्त तीनों वीडियो की जांच और उसकी प्रामाणिकता सामने आ जाने के बाद क्या उक्त प्रमुख अभियंता और ओएसडी के खिलाफ सरकार कोई कार्यवाही करेगी या उनकी इस उत्कृष्ठ सेवाओं के उपलक्ष्य में पदोन्नति प्रदान करेगी?