इंदौर. माफियाओं पर कार्रवाई के बीच भाजपा कार्यकर्ताओं को नोटिस भेजे जाने पर आगबबूला भाजपा नेताओं को संभागायुक्त के घर के बाहर धरना देना महंगा पड़ गया। इस मामले में पुलिस-प्रशासन ने शनिवार को भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ,सांसद शंकर लालवानी, विधायक रमेश मेंदोला, महेंद्र हार्डिया, नगर अध्यक्ष गोपी नेमा सहित 350 भाजपाइयों पर संयोगितागंज थाने में धारा 188 के तहत केस दर्ज किया था। अब इन सभी आरोपियों पर धाराएं बढ़ाई गई है। वहीं दूसरी ओर विजयवर्गीय के बयान पर भाजपा ने स्पष्ट कर दिया है कि वह इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं करेगी।
जानकारी के अनुसार संयोगितागंज थाने में दर्ज केस में आईपीसी की धारा 149,143,506 और 153 को बढ़ाया गया है। पुलिस के अनुसार मामले में आरोपियों पर भड़काऊ बयान देने, धमकी देने, विधि विरुद्ध भीड़ जमा करने से संबंधित धाराओं के तहत भी जांच की जा रही है। इस संबंध में लोकसभा और विधानसभा को सूचना देने की बात भी कही जा रही है।
मिलने नहीं पहुंचे थे अधिकारी तो भड़क गए थे विजयवर्गीय
भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने संभागायुक्त, कलेक्टर, डीआईजी और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को सूचना देकर शुक्रवार (3 जनवरी 2020) को रेसिडेंसी कोठी में मुलाकात करने को कहा था। लेकिन जब कोई भी अधिकारी उनसे मिलने नहीं पहुंचा तो विजयवर्गीय आगबबूला हो गए। उन्होंने लगभग धमकी देते हुए एडीएम बीबीएस तोमर से कहा कि जनता की नौकरी कर रहे हो या कमलनाथ की? तुम क्या समझते हो कि हमने चूड़ी पहन रखी है? सूचना के बाद भी अफसरों ने यह तक बताना उचित नहीं समझा कि वे शहर से बाहर हैं। इतनी अौकात हो गई उनकी? वो तो संघ के पदाधिकारी शहर में हैं, नहीं ताे आग लगा देता शहर में। इसके बाद वे संभागायुक्त के बंगले के सामने धरने पर बैठ गए थे। उनके साथ सांसद शंकर लालवानी, विधायक महेंद्र हार्डिया, रमेश मेंदोला और नगर अध्यक्ष गोपीकृष्ण नेमा भी थे।