आयोग ने मांगी थी कोरोना प्रभावित अफसरों पर CS से रिपोर्ट
सीएस ऑफिस ने कहा- कोरोना के इलाज में नहीं बरती लापरवाही
भोपाल कलेक्टर की रिपोर्ट के बाद दिया मानवाधिकार को जवाब
भोपाल। मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख सचिव पल्लवी जैन गोविल सहित 47 अफसर- कर्मचारियों के कोरोना प्रभावित होने के मामले में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ने आखिरकार शुक्रवार को अपना जवाब राज्य मानव अधिकार आयोग को भेज दिया। इसमें कहा गया है कि प्रभावित कर्मियों की जांच और इलाज में कोई लापरवाही नहीं बरती गई। सभी को आइसोलेशन में रखा गया है।
स्वास्थ्य विभाग में लापरवाही के चलते कोरोना संक्रमण को लेकर प्रकाशित खबरों पर सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा ने आयोग से शिकायत की थी। जिस पर आयोग ने मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस से जवाब मांगा था। कल जवाब न भेज पाने पर सीएस ने एक दिन का समय मांगा था और आज कलेक्टर की रिपोर्ट के साथ अपना पक्ष मुख्य सचिव कार्यालय ने आयोग के रजिस्ट्रार को भेज दिया।
कलेक्टर की रिपोर्ट पर उठ रहे सवाल
चीफ सेक्रेटरी ने कलेक्टर भोपाल की जिस रिपोर्ट के आधार पर कहा है कि प्रमुख सचिव स्वास्थ्य पल्लवी जैन गोविल को 4 अप्रैल को पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद आइसोलेट किया गया था। इसके उलट 5 अप्रैल को पल्लवी जैन मुख्यमंत्री के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग से समीक्षा में जुड़ी थीं और कहा था कि वे ठीक हैं और घर से काम कर रही हैं। इसी दिन उन्होंने अपना नियमित हेल्थ बुलेटिन वीडियो भी जारी किया था। जबकि प्रोटोकॉल के मुताबिक कोरोना पॉजिटिव को अस्पताल में आइसोलेट किया जाना चाहिए।