चक्रवाती तूफान अम्फन के बाद एक और तूफान भारत में दस्तक दे रहा है. चक्रवाती तूफान निसर्ग तेजी से महाराष्ट्र और गुजरात के तटों की ओर बढ़ रहा है. भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, इस तूफान के असर से अगले 12 घंटों में 100 से 120 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने और भारी बारिश के अलावा भूस्खलन भी हो सकता है.
मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :
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मौसम विभाग के मुताबिक बीती एक सदी में ये पहला चक्रवाती तूफ़ान है जो महाराष्ट्र के तट से टकराएगा.इससे पहले 1948 और 1980 में दो बार चक्रवाती तूफ़ान उठा था लेकिन वो तट से नहीं टकराया, समुद्र ही कमज़ोर पड़ गया.इस बार मामला अलग दिख रहा है.साफ़ है ये साल महाराष्ट्र के लिए बड़ी-बड़ी चुनौतियां लेकर आया है.
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साइक्लोन निसर्ग के चलते मुंबई, इसके उपनगर और पड़ोसी जिले ठाणे, पालघर, रायगढ़, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग को हाईअलर्ट पर रखा गया है. मछुआरों को समंदर से वापस बुलाया गया है.समंदर में करीब छह फीट ऊंची लहरें उठ सकती हैं.
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मुंबई में क़रीब 22 हजार कोरोना के मरीज़ हैं जिनमें से कई का अस्पतालों में इलाज चल रहा है. तूफान से अस्पतालों की बिजली न जाए, इसके लिए विशेष इंतज़ाम करने के निर्देश दिए गए हैं. तेज हवा से टेंटों में बने अस्थाई अस्पतालों को नुक़सान पहुंच सकता है लिहाज़ा वहां के मरीज़ों को सुरक्षित केंद्रों पर ले जाया जा रहा है.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र और गुजरात के मुख्यमंत्रियों और दमन और दीव, दादरा और नगर हवेली के प्रशासक से बात की है और केंद्र सरकार की ओर से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है।
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अरब सागर में हवा के कम दबाव से बना चक्रवाती तूफान निसर्ग के 3 जून की दोपहर महाराष्ट्र और गुजरात के तटीय इलाकों में पहुँचने का अनुमान है. इसके लिए मुम्बई सहित सभी तटीय इलाकों में प्रशासन सतर्क है. कच्चे मकान में रहने वालों को सुरक्षित जगहं पर ले जाने का अभियान तेज कर दिया गया है.
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अनुमान है कि 3 जून की दोपहर ये दमन और रायगढ़ जिले में अलीबाग के पास हरिहरेश्वर तट को पार करेगा. इस दौरान तूफ़ानी हवाओं के साथ तेज़ बारिश होने की चेतावनी दी गई.
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मौसम विभाग के अनुसार, चक्रवाती तूफान के असर के दौरान हवा की रफ्तार 100 से 120 किलोमीटर प्रतिघंटा हो सकती है. इसके असर से मुम्बई, ठाणे, पालघर में तेज बारिश होगी. खासकर मुम्बई के निचले इलाकों में पानी भर सकता है.
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महाराष्ट्र के 750 किलोमीटर लंबे समुद्र किनारे के सभी ज़िलों में एनडीआरएफ़ टीम की तैनाती कर दी गई है. पहले सिर्फ 10 टीमें तैनात की गई थीं और 6 टीमों को रिज़र्व रखा गया था लेकिन तूफ़ान की रफ्तार और उससे होने वाले संभावित नुकसान को देखते हुए सभी 16 टीमों को तैनात कर दिया गया है. इसके अलावा पांच अतिरिक्त टीमें भी बुलाई गई है.
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तूफान सबसे पहले हरिहरेश्वर से गुजरेगा इसलिए रायगढ़ जिले में एनडीआरएफ़ की 4, मुम्बई में 3, पालघर में 2 और ठाणे में 2 टीमें तैनात की गई हैं…. रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जिले में एक-एक टीम तैनात की गई हैं.
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बारिश के मौसम में मुंबई वैसे ही बदहाल हो जाती है. इस बार तो पूरा प्रशासन कोरोना का सामना करने में जुटा है. नतीजा मॉनसून से पहले इस बार नालों की सफ़ाई भी महज़ 15 से 20 फीसदी ही हो पाई है.अगर शहर में पानी भरा तो उसकी निकासी का रास्ता भी साफ़ नहीं है.
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