भोपाल। राजधानी भोपाल के आरजीपीवी में बने कोरोना सेंटर में भर्ती मरीजों ने जमकर हंगामा किया। खाने के समय चाय-नाश्ता मिलने से नाराज लोगों ने प्रशासन पर अनदेखी करने के आरोप लगाए। उनका कहना था कि दवाई तक नहीं दी जा रही है। ऐसे में कुछ लोगों को अब बुखार आने लगा है। डॉक्टर तो छोड़ो, सेंटर में कोई एक कर्मचारी तक नहीं होता है। एक दिन पहले कलेक्टर अविनाश लवानिया भी यहां आए थे।
नाश्ता लेकर आए कर्मचारियों पर मरीजों का गुस्सा फूट गया। श्यामला हिल्स निवासी 25 वर्षीय युवक को 26 जुलाई को कोरोना पॉजिटिव होने के बाद यहां लाया गया। उसने आरोप लगाया कि सोमवार को तो नाश्ता ही नहीं मिला। खाना भी दोपहर ढाई बजे के बाद दिया गया। इतना ही नहीं, अभी तक न तो उसकी कोई जांच की गई और न ही किसी तरह की दवाई दी गई है। सुबह करीब 10 बजे कुछ लोग नाश्ता लेकर आए तो वह भी मुश्किल से 50 लोगों का था। यहां पर डेढ़ से 200 लोग भर्ती हैं। सिर्फ खाने के समय पर ही कुछ कर्मचारी नजर आते हैं। उसके बाद यहां कोई नहीं होता है। हम लोगों को ऐसे ही छोड़ दिया गया है। युवक ने बताया कि उसकी पत्नी और बच्चों को मैनिट के क्वारैंटाइन सेंटर में रखा गया है। उनकी रिपोर्ट अभी नहीं आई है।
रिपोर्ट तक नहीं दी गई
मरीजों ने बताया कि 90 फीसदी को जांच के बाद यहां भेज दिया गया। अभी तक कोई रिपोर्ट भी नहीं दी है। हम कोरोना मरीज हैं, तो फिर अस्पताल में भर्ती कराओ और नहीं हैं तो घर जाने दो। यहां एक साथ इतने लोगों के साथ रहने के बाद तो कोरोना नहीं होगा तो हो जाएगा। एक युवक ने बताया कि हंगामे के बाद कलेक्टर भी मौके पर पहुंच गए थे।