भोपाल। बागेश्वर सरकार पंडित धीरेंद्र शास्त्री के साथ सात फेरे लेने की कामना लेकर एक छात्रा शिवरंजनी तिवारी ने उत्तराखंड के गंगोत्री से बागेश्वर धाम के लिए सिर पर कलश रख पदयात्रा शुरू की है। छात्रा खुद एमबीबीएस करने का दावा कर रही है। शिवरंजनी की पदयात्रा शनिवार को चित्रकूट के संतोषी अखाड़ा पहुंची। इस कलश में गंगाजल भरा है। संतोषी अखाड़ा में शिवरंजनी ने साधु संतों का आशीर्वाद प्राप्त किया। शिवरंजनी ने यहां एक मंझी हुई गायिका की तरह ही भजनों की प्रस्तुति देकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। हालांकि पंडित धीरेंद्र शास्त्री से विवाह को लेकर उन्होंने कुछ भी स्पष्ट कहने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि किस मकसद से गंगोत्री धाम से बागेश्वर धाम तक कलश लेकर पदयात्रा शुरू की इसका खुलासा 16 जून को धीरेंद्र शाश्त्री और वो खुद मिलकर करेंगे।
शिवरंजनी ने यह भी कहा कि मन की बात जानने वाले बागेश्वर धाम सरकार उनके मन की बात भी बताएंगे। हालांकि उन्होंने बागेश्वर धाम सरकार से विवाह को लेकर लगाए जा रहे कयासों से इनकार भी नहीं किया। उन्होंने अपनी बातों के दरमियान पं धीरेंद्र शास्त्री को प्राणनाथ कहकर भी संबोधित किया। यात्रा में शिवरंजनी तिवारी के पिता, भाई और अन्य लोग भी शामिल हैं। फिलहाल उत्तराखंड की रहने वाली महज 20 वर्ष की शिवरंजनी ने हिंदुस्तानी गायन में 8 साल तक संगीत की शिक्षा हासिल की है।
शिवरंजनी तिवारी ने कहा कि गंगा कलश यात्रा गंगोत्री धाम से शुरू की है। जबसे मैंने ये कलश रखा है तब से तरह तरह की बातें हो रही हैं। हर कोई कहता है मैंने ये कलश यात्रा इसलिए शुरू की है क्योंकि मैं मनचाहा वर पाने के लिए कर रही हूँ। कई लोग कह रहे हैं कि मैं अपने हाथों में फूलों की माला लेकर जा रही हूं जो कि मैं पं. धीरेंद्र शास्त्री के गले में डालने वाली हूं। देखिए, मैं सभी लोगों को बताना चाहूंगी कि जो महाराजश्री हैं वो अंतर्यामी हैं… प्राणनाथ हैं… भगवान हैं… मन की बात वो जान लेते हैं। … तो मैं सभी को कहूंगी की 16 जून तक का इंतजार करिए। 16 जून को महाराजजी मेरे साथ लाइव होंगे तो वो खुद ही बता देंगे मेरे मन में क्या हैं। वो खुद ही बता देंगे कि मैंने ये यात्रा क्यों निकाली। .. मैं ये क्यों बताऊं… मेरे मन में क्या है महाराज जी खुद बताएंगे न। कुछ बातें राज ही अच्छी लगती हैं। मैंने मन का भाव जानती हूँ उसे अभी प्रकट नहीं कर सकती। मैं पंडित धीरेंद्र शास्त्री को बहुत सालों से फॉलो कर रही हूँ। 2021 से उनके हर वीडियो देखती हूँ कि तो मेरे मन में भक्ति जगी कि मैंने सोचा कि मुझे कलश यात्रा तो करनी ही थी तो क्यों न बागेश्वर शाम चली जाऊं।