भोपाल। मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार ने अब साल भर तबादलों की छूट दे दी है। मंत्री अब कुछ शर्तों के साथ मिली इस छूट का फायदा उठा कर साल भर तबादले कर सकते हैं।
मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद बीते एक साल में तबादलों का नया रिकॉर्ड बना है। ट्रांसफर्स से बैन हटने के बाद इतने स्थानांतरण हुए कि बीजेपी ने सरकार पर तबादला उद्योग चलाने के आरोप लगाए थे। प्रतिबन्ध की अवधि में भी कई विभागों में तबादले समन्वय के माध्यम से होते रहे। कैबिनेट की आज हुई बैठक में निर्णय लिया गया है कि चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के ट्रांसफर अब बगैर समन्वय में जाए हो सकेंगे। इससे ऊपर के वर्ग के कर्मचारियों के जिला और राज्य स्तर के तबादले समन्वय के माध्यम से होंगे, लेकिन विशेष परिस्थितियों में प्रभारी मंत्री और विभागीय मंत्री इनके ट्रांसफर कर सकेंगे। बीजेपी विधायक नरोत्तम मिश्रा ने आरोप लगाया है कि मध्यप्रदेश में अब साल भर तबादलों का मौसम होगा। जनहित के कामों की जगह मंत्री और सरकार तबादलों में व्यस्त रहेगी।
वहीं जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने कैबिनेट के अन्य फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री कमलनाथ का स्वेच्छा अनुदान 150 करोड़ रुपए किया गया है। निवाड़ी जिले में ई गवर्नेंस के लिए 17 पद बनाए गए हैं।
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