चीफ सेक्रेटरी से दो दिन के अंदर मानवाधिकार ने मांगा जवाब
पूछा- कोरोना पाजिटिव अफसरों को क्यों नहीं किया गया आईसोलेट
भोपाल। राजधानी में स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख सचिव पल्लवी जैन गोविल सहित दर्जन भर अधिकारी कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। इस महामारी को फैलने के रोकने में अफसरों के लापरवाही बरती है। जिसके बाद मानवाधिकार आयोग ने मुख्य सचिव को तलब किया है।
मध्य प्रदेश मानवाधिकार आयोग के रजिस्टर जेपी राव ने कोरोना पाजिटिव मरीजों की जांच व अस्पताल में आईसोलेशन वार्ड न रखे जाने की लापरवाही को देखते हुए प्रकरण दर्ज किया है। साथ ही चार मुख्य बिन्दुओं पर दो दिन के अंदर जवाब प्रस्तुत करने के लिए कहा है। मानवाधिकार ने सीएस को तलब करते हुए पूछा है कि कोरोना वायरस से संक्रमित अफसरों की पाजिटिव रिपोर्ट कब प्राप्त हुई थी। पाजिटिव रिपोर्ट आने के बाद अफसरों को तुरंत अस्पताल लेकर आईसोलेशन वार्ड में क्यों नहीं रखा गया। इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग के कितने पाजिटिव अफसर को अन्य अधिकारी व कर्मचारियों के संपर्क आए थे। कोरोना पाजिटिव अफसरों को क्या आईसोलेशन में रखा गया है या नहीं। वहीं, आयोग ने इस पूरे मामले में प्रशासन की भी लापरवाही पर स्पष्टीकरण मांगा है। आयोग ने पूछा है कि संक्रमित व्यक्ति को क्वारेंटाइन व आईसोलेट करने में किन-किन अफसरों ने लापरवाही बरती है। दरअसल, मानवाधिकार ने वरिष्ठ अधिवक्त विवेक तन्खा की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए मुख्य सचिव को तलब किया है।