सिर्फ गंभीर मरीजों को ही अस्पताल में भर्ती किया जाएगा
हल्के लक्षण वाले मरीजों को घर पर सेल्फ आइसोलेशन में रहना होगा
भोपाल। कोरोना वायरस के गंभीर संक्रमण से जूझ रहे मध्यप्रदेश में अब कोविड-19 के ज्यादातर मरीजों को इलाज के मामले में आत्मनिर्भर होना होगा। हल्के लक्षण वाले मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराने के बजाए उनके घरों में ही सेल्फ आइसोलेशन में रखा जाएगा और मरीज के परिजनों को क्वारेंटीन होना होगा।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग मध्यप्रदेश के प्रमुख सचिव फैज अहमद किदवई ने प्रदेश के सभी जिला कलेक्टरों, मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारियों को जारी आदेश में कहा है कि कोरोना संक्रमण के दौरान उचित प्रबंधन और दिशा-निर्देशों के अनुसार कार्य किया जाए। मौजूदा हालात और रोगियों को चिकित्सीय रूप से हल्के, मध्यम या गंभीर रोग की श्रेणी के अनुसार उनकी देखभाल, स्वास्थ्य केंद्र और अस्पताल में भर्ती कर उपचारित करने के लिए सभी दिशा-निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। कोरोना से संक्रमित अति मंद लक्षण वाले कोविड -19 के प्रकरणों पर सेल्फ आइसोलेशन की समुचित व्यवस्था की जाए। चिकित्सा अधिकारी द्वारा यह सुनिश्चित किया जाए कि संबंधित व्यक्ति मंद लक्षण, अति मंद लक्षण रोगी की श्रेणी में आता है। उसे व्यक्ति के निवास पर होम आइसोलेशन और परिवार के अन्य सदस्यों के क्वॉरेंटाइन के लिए निर्धारित मापदंडों के अनुसार सुविधा की जाए।
रोगी व्यक्ति के निवास पर देखभाल के लिए अस्पताल के माध्यम रोगी व्यक्ति का संपर्क बनाया जाए। सभी के मोबाइल पर आरोग्य सेतु एप भी डाउनलोड किया जाना जाए। संभावित रोगी अपने स्वास्थ्य की निगरानी स्वयं कर नियमित रूप से जिला सर्विलेंस अधिकारी द्वारा निर्धारित हेल्पलाइन के नंबर से अपने स्वास्थ्य की स्थिति अवगत कराए। चिकित्सीय सहायता हेतु संभावित रोगी स्वयं या परिजन उसका ध्यान रखें कि निम्न, मध्यम या गंभीर लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सीय सहायता हेतु संपर्क करें। कोरोना संक्रमित लक्षण दिखने जेसे सांस लेने में कठिनाई, छाती में लगातार दर्द या दबाव, मानसिक भ्रम होंठो पर नीले रंग का उभरना आदि लक्षण पर त्वरित कार्यवाही। करते हुए इसकी सूचना तत्काल चिकित्सा अधिकारी को दी जाना सुनिश्चित किया जाए।
कोरोना संक्रमण के दौरान देखभाल संबंधी निर्देश
- भीड़-भाड़ वाले इलाके, संक्रमित व्यक्ति के संबंध संपर्क में अथवा ऐसी जगह जहां मरीजों का उपचार किया जा रहा है पर मास्क पहनना अनिवार्य किया जाए।
- घर से बाहर निकलते हुए या अपने कार्यक्षेत्र पर जाते समय मास्क अनिवार्य रूप से लगाया जाए। और अपने चेहरे, नाक, मुंह को छूने से बचाव किया जाए।
- शौचालय के उपयोग के बाद भोजन, खाने से पहले और खाने के बाद जब भी हाथ गंदे दिखें तो उसे 40 सेकेंड तक धोते रहना चाहिए।
- कोरोना संक्रमित रोगी के संपर्क में आने पर रोगी के शरीर के तरल पदार्थों के साथ सीधे संपर्क से बचें। विशेष रूप से मौखिक या संभावित रूप से दूषित वस्तु के संपर्क में आने से बचें। निर्धारित दूरी का पालन करना चाहिए।
रोगी के सम्बन्ध में दिशा निर्देश
स्वास्थ्य संचालनालय मध्यप्रदेश द्वारा रोगी के सम्बन्ध में दिशा निर्देश दिए है की रोगी हर समय ट्रिपल लेयर मेडिकल मास्क का उपयोग करें। 8 घंटे के उपयोग के बाद या इससे पहले यदि वे गीले हो जाते हैं तो मास्क को त्याग देना चाहिए। रोगी द्वारा उपयोग में लाई गई इन सब वस्तुओं को एक पर्सेंट सोडियम हाइपोक्लोराइट के साथ इसे कीटाणु रहित करने के बाद ही बाद में पृथक की जाए।
रोगी को निर्धारित कमरे में रहने और घर के अन्य लोगों से दूर ही रखने का विशेष रूप पालन कराया जाए। इसके साथ ही बुजुर्गों अन्य रोगों से ग्रसित जैसे उच्च रक्तचाप, हृदय रोगी को बनाए रखने का पालन करना चाहिए। हाथों को कम से कम 40 सेकंड के लिए साबुन और पानी से धोना चाहिए या अल्कोहल बेस्ट सैनिटाइजर का उपयोग करना चाहिए। इसके साथ ही कमरों की सतह पर जिन को अक्सर छुआ जाता है टेबल, टॉप, डोर हैंडल आदि को एक पर्सेंट हाइपोक्लोराइट से साफ किया जाना सुनिश्चित किया जाए। रोगी को चिकित्सक के निर्देशों और दवा की सलाह का सख्ती से पालन कराए। रोगी की निगरानी और स्वास्थ्य परीक्षण किया जाए।
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