मरवाही सीट की चर्चा शुरू हो गई है. (file photo)
जून 2016 में कांग्रेस से अलग होकर अजीत जोगी ने नई पार्टी – जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जोगी) की स्थापना की और बसपा के गठबंधन के साथ पूरी दमदारी से 2018 का विधानसभा चुनाव लड़ा था.
मरवाही विधानसभा क्षेत्र जोगी परिवार के वर्चस्व वाला माना जाता है, लेकिन कांग्रेस सरकार के पेण्ड्रा-गौरेला-मरवाही जिला बनाने के बाद राजनीतिक समीकरण कुछ बदले भी हैं. आपको बता दें कि जून 2016 में कांग्रेस से अलग होकर अजीत जोगी ने नई पार्टी – जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जोगी) की स्थापना की और बसपा के गठबंधन के साथ पूरी दमदारी से 2018 का विधानसभा चुनाव लड़ा था.
कभी किंग मेकर, तो कभी बीजेपी की टीम B
विधानसभा चुनाव के दौरान राजनीतिक विश्लेषकों द्वारा जोगी कांग्रेस को किंग मेकर और गेम चेंजरे जैसे नाम भी दिए गए. यहां तक की पार्टी को बीजेपी की टीम B तक कहा गया, लेकिन जैसी उम्मीद की जा रही थी नतीजे वैसे नहीं रहे और बसपा और जोगी कांग्रेस मिलकर केवल 7 ही विधायक चुनकर आए, जिसमें अजीत जोगी को मिलकार उनकी खुद की पार्टी से केवल पांच विधायकों ने जीत हासिल की. सियासी गलियारों में चल रही चर्चाओं के मुताबिक वर्तमान में अमित जोगी किसी भी सीट से विधायक नहीं हैं. वहीं उनकी पत्नी ऋचा जोगी 2018 के चुनावों में बसपा से मिली टिकट पर हार का सामना कर चुकी हैं. ऐसे में पार्टी की कमान संभालने के साथ ही अमित जोगी के ही मरवाही सीट से चुनाव लड़ने की संभावनाएं ज्यादा हैं. ऐसा अगर नहीं होता है तब ऋचा जोगी भी फिर एक बार मरवाही के चुनावी मैदान में उतर सकती हैं.
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First published: May 30, 2020, 3:29 PM IST