नई दिल्ली: बुधवार को पाकिस्तान की डिजिटल राइट्स फाउंडेशन ने कहा कि कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के दौरान साइबर उत्पीड़न की शिकायतों में 189 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है. डिजिटल राइट्स फाउंडेशन ने कहा कि ये शिकायतें उनकी साइबर उत्पीड़न हेल्पलाइन में दर्ज की गई थीं.
हेल्पलाइन ने लॉकडाउन के दौरान मार्च और अप्रैल में साइबर उत्पीड़न की कुल 136 शिकायतें दर्ज कीं, जिसमें लॉकडाउन से पहले जनवरी और फरवरी में 47 मामलों की तुलना में 189 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई. इस संस्था ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि मार्च और अप्रैल में दर्ज की गई शिकायतों में से 70 प्रतिशत शिकायतें महिलाओं द्वारा दर्ज कराई गई थीं, जबकि पुरुषों व अन्य द्वारा 19 और 5 प्रतिशत शिकायतें दर्ज कराई गईं.
Following a massive bump in cyber harassment cases being reported to our Helpline during the lockdown (March and April 2020), we at DRF are written out a policy brief, which includes recommendations, keeping in mind #COVID_19.
Read our brief here: https://t.co/OHsnJ7Trz3 pic.twitter.com/JF44MwUaBP— Digital Rights Foundation (@DigitalRightsPK) June 3, 2020
संगठन का कहना है कि जब कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण पाकिस्तान में लॉकडाउन लगाया गया, तो हमें डर था कि अब पाकिस्तान में साइबर उत्पीड़न के मामलों के साथ-साथ साइबर हमले भी बढ़ जाएंगे. लॉकडाउन के दौरान दर्ज किए गए ज्यादातर मामले ब्लैकमेलिंग से संबंधित थे जो सूचना, निजी तस्वीरों और वीडियो को बिना सहमति के साझा करने से जुड़े थे.
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अभद्र भाषा, फ़िशिंग, फर्जी प्रोफ़ाइल और मानहानि की शिकायतें भी दर्ज की गईं थीं. पाकिस्तान में महिलाएं अक्सर डिजिटल क्षेत्र में तरह- तरह की लिंग आधारित हिंसा का सामना करती हैं लेकिन सबसे आम यौन उत्पीड़न है, और डिजिटल राइट्स फाउंडेशन ने सरकार को इस मुद्दे से निपटने के लिए उपाय सुझाए हैं.
डिजिटल राइट्स फाउंडेशन देश में डिजिटल स्वतंत्रता को सुनिश्चित करने के लिए काम करती है ताकि इंटरनेट इस्तेमाल करने में डर न लगे.