Friday, November 8, 2024
HomeNationPalghar lynching Case : Supreme Court Issue Notice to maharashtra Govt over...

Palghar lynching Case : Supreme Court Issue Notice to maharashtra Govt over plea seeking CBI inquiry – पालघर लिंचिंग मामला: CBI-NIA जांच की याचिका पर SC ने केंद्र और महाराष्ट्र सरकार को भेजा नोटिस

पालघर लिंचिंग मामला: CBI-NIA जांच की याचिका पर SC ने केंद्र और महाराष्ट्र सरकार  को भेजा नोटिस

साधुओं के रिश्तेदारों ने केस में CBI और NIA जांच की मांग की है.

खास बातें

  • पालघर में लिंचिंग के मामले सुप्रीम कोर्ट का नोटिस
  • मामले में उठ रही है CBI-NIA जांच की मांग
  • महाराष्ट्र सरकार, केंद्र और CBI को भेजा है नोटिस

नई दिल्ली:

पालघर में दो साधुओं की लिंचिंग का मामले में सीबीआई जांच की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को महाराष्ट्र सरकार को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को दो हफ्ते में जवाब दाखिल करने को कहा है. साधुओं के रिश्तेदारों और जूना अखाड़ा के साधुओं ने सुप्रीम कोर्ट में मामले की सीबीआई जांच की मांग को लेकर याचिका दाखिल की गई है. इस याचिका में कहा गया है कि उन्हें ‘महाराष्ट्र सरकार और पुलिस की जांच पर भरोसा नहीं है क्योंकि इस मामले में शक की सुई पुलिस पर ही है. ऐसे में पुलिस से सही तरीके से निष्पक्ष जांच की उम्मीद नहीं है इसलिए जांच सीबीआई से कराई जाए.’

यह भी पढ़ें

सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार, DGP, सीबीआई और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है. इससे पहले एक मई को महाराष्‍ट्र के पालघर लिंचिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राज्‍य सरकार से जांच की स्‍टेटस रिपोर्ट मांगी है. सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल जांच पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है.

बता दें कि एक याचिका में मामले की जांच सीबीआई से और दूसरी में NIA से कराने की मांग की गई है. NIA से जांच कराने की एक दूसरी याचिका पर भी नोटिस दिया है. जुलाई के दूसरे हफ्ते में इन याचिकाओं पर सुनवाई होगी. महाराष्ट्र सरकार ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि ऐसी ही याचिका बॉम्बे हाईकोर्ट में लंबित है.

याचिका में क्या कहा गया है?

जूना अखाड़ा के साधुओं की ओर से याचिका में कहा गया है कि ‘गवाह आत्महत्या कर रहे हैं. हमारे पास यह मानने के कारण हैं कि जांच एजेंसी अपना काम नहीं कर रही है.’ याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि उन्हें अंदेशा है कि सबूतों के साथ छेड़छाड़ हो सकती है. उन्हें इस बात की है कि सबूत गायब हो जाएंगे.

इस संबंध में दायर याचिका में पालघर मामले में पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाते हुए जांच राज्‍य CID से वापस लेने की मांग की गई थी. पालघर लिंचिंग पर दाखिल जनहित याचिका में कहा गया है कि यह घटना लॉकडाउन नियमों का उल्लंघन है. सवाल यह है कि पुलिस ने इतनी भीड़ को कैसे इकट्ठा होने दिया? 

क्या था मामला?

बता दें कि पालघर में बच्‍चों के चोर की अफवाह के बीच गुस्‍साए ग्रामीणों ने एक वाहन में सवार दो साधुओं सहित तीन लोगों की पीट-पीटकर हत्‍या कर दी थी.पालघर इलाके में चोरों के घूमने की अफवाह थी. रात 10 बजे के करीब खानवेल मार्ग पर नासिक की तरफ से आ रही चार पहिया वाहन में तीन लोग थे. गांव वालों ने रोका और फिर चोर होने की शक में पत्थरों-लाठियों से हमला कर दिया. तीनों की मौके पर ही मौत हो गई. मरने वालों में से दो की पहचान साधुओं के रूप में हुई जबकि तीसरा उनका ड्राइवर था. इसमें 35 साल के सुशीलगिरी महाराज और 70 साल के चिकणे महाराज कल्पवृक्षगिरी थे जबकि 30 साल का निलेश तेलगड़े ड्राइवर था. तीनों मृतक मुंबई के कांदिवली से सूरत एक अंतिम संस्कार में हिस्सा लेने जा रहे थे.

इस घटना को लेकर महाराष्‍ट्र की सत्‍तारूढ़ शिवसेना-एनसीपी कांग्रेस सरकार और विपक्षी पार्टी बीजेपी के बीच आरोप-प्रत्‍यारोप का दौर शुरू हो गया था. बीजेपी ने दो साधुओं की इस तरह पीट-पीटकर की गई हत्‍या को बड़ा मुद्दा बनाया था और इसे राज्‍य में कानून व्‍यवस्‍था की स्थिति से जोड़ा था.


Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

RECENT COMMENTS

casino online slot depo 10k bonus new member slot bet 100