Sunday, April 20, 2025
HomeUncategorizedpatients of sever diseases in corona: WHO: कोरोना के कारण नहीं हो...

patients of sever diseases in corona: WHO: कोरोना के कारण नहीं हो पा रहा इन मरीजों का इलाज – patients of sever diseases like cancer, diabetes and heart were affected due to corona

Edited By Garima Singh | नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated:

NBT

कोरोना महामारी के दौरान दुनियाभर के कई देशों से इस तरह की खबरें आई है कि इस बीमारी के कारण बड़ी संख्या में हॉस्पिटल का मेडिकल और नर्सिंग स्टाफ शॉर्ट टर्म या लॉन्ग टर्म लीव पर जा रहा है। यदि हॉस्पिटल मैनेजमेंट की सख्ती और सरकारी गाइडलाइन के कारण ऐसा संभव नहीं हो पा रहा है तो स्वास्थ्य कर्मियों ने रिजाइन देने का निर्णय भी लिया।

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार, कोरोना आउटब्रेक के बाद से दुनिया के कई देशों में मेडिकल सुविधाएं वहां के मेडिकल स्टाफ को सपॉर्ट की कमी, उपकरणों की कमी और महामारी का खतरा देखकर छोड़नी पड़ीं। हालांकि यह सब शुरुआती स्तर पर अधिक देखने को मिला। लेकिन वहीं, बड़ी संख्या में ऐसे स्वास्थ्य कर्मी भी हैं, जो अपने परिवार की फिक्र के कारण कई-कई महीनों तक हॉस्पिटल से घर ही नहीं गए। कुछ हॉस्पिटल में ही रहे तो कुछ ने पार्किंग में खड़ी अपनी गाड़ियों में सोकर रात बिताई।

Tips For Corona Protection: भारतीयों को कोरोना से बचाएंगी 7 जरूरी चीजें

NBT

कोरोना के कारण गंभीर बीमारियों के इलाज हुए प्रभावित

कोरोना संक्रमण जितनी तेजी के साथ फैला, उससे सारा ध्यान इसी बीमारी के ऊपर चला गया। हेल्थ स्टाफ और सरकार दोनों ही इस संक्रमण को जल्दी से जल्दी नियंत्रित करने के प्रयासों में जुट गईं। लेकिन जबसे इस बात का खुलासा हुआ है कि हाईबीपी और डायबीटीज के मरीजों को कोरोना होने पर जान जाने का खतरा अधिक रहता है, तबसे इन बीमारियों के मरीजों को अपना इलाज कराने में कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

डरा रहे हैं आंकड़े

-यूएन की एक हेल्थ एजेंसी ने पिछले महीने दुनियाभर की मेडिकल सुविधाओं में आए बदलाव और नई समस्याओं को लेकर एक सर्वे किया। इस सर्वे में दुनिया के 155 देशों को शामिल किया गया था। ज्यादातर देशों की हालत एक जैसी और डरानेवाली स्थितियों से भरी है।

Shopping Tips: खरीदारी के दौरान कोरोना से बचने के लिए इन चीजों को ना लगाएं हाथ!

-रिपोर्ट के अनुसार, जिस समय से कोरोना पैंडेमिक शुरू हुआ है, उसी समय से हाइपरटेंशन, शुगर और कैंसर जैसी कई गंभीर बीमारियों से ग्रसित पेशंट अपने चेकअप और दवाई के लिए परेशान हो रहे हैं। यानी उन्हें अपनी आवश्यकता के अनुसार, ट्रीटमेंट और दवाइयां या तो समय पर नहीं मिल पा रही हैं या फिर अभी तक नहीं मिल पाई हैं। यह जानकारी अपने एक वक्तव्य में खुद डब्ल्यू एच ओ के चीफ टेड्रोस अदनोम घेब्रेयेसस ने दी थी।

NBT

कोरोना के कारण प्रभावित हुआ इन बीमारियों का इलाज

-रिपोर्ट में यह बात भी सामने आई कि इनमें से 42 प्रतिशत देशों में कोरोना संक्रमण के शुरुआती चरण और पीक सीजन के दौरान कैंसर के रोगियों को समय पर उचित इलाज नहीं मिल पाया। वहीं 31 प्रतिशत देशों में हार्ट की गंभीर स्थितिवाले मरीजों को भी कई परेशानियों का सामना करना पड़ा।

कोरोना काल में पिएंगे ये 4 ड्रिंक्स तो घट जाएगी इम्युनिटी

-इसके साथ ही 90 प्रतिशत देशों में स्वास्थ्य कर्मियों को आंशिक रूप से या पूर्ण रूप से कोरोना महामारी के दौरान पीड़ित मरीजों की देखभाल के लिए तैनात किया गया था।

ताजा मामला

-ताजा मामला गाजियाबाद का है, जहां एक महिला की सीने में दर्द होने के बाद इलाज ना मिल पाने के कारण मृत्यु हो गई। महिला के परिजन उसे एक-दो नहीं बल्कि बीमारी की हालत में एम्बुलेंस में लिए 9 अस्पतालों में भटकते रहे। लेकिन कोरोना टेस्ट रिपोर्ट ना होने के कारण और हार्ट का पेशंट होने के चलते उन्हें किसी अस्पताल ने भर्ती नहीं किया। अंत में मेरठ ले जाते समय महिला ने एम्बुलेंस में ही दम तोड़ दिया। ऐसा नहीं है कि हमारे देश या दिल्ली एनसीआर में यह ऐसा पहला मामला है। मीडिया में हाइलाइट हुआ यह ऐसा तीसरा केस है और ना जाने कितने ही केसेज के बारे में जानकारी ही नहीं दी जाती है।

दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद…9 हॉस्पिटल के लगाए चक्कर, नहीं मिला बेड, महिला की मौत


Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

RECENT COMMENTS

casino online slot depo 10k bonus new member slot bet 100 slot jepang
slot depo 10k slot gacor slot depo 10k