वॉशिंगटन:
PM Modi US Visit: भारत-अमेरिका के रिश्तों पर 36 घंटे बहुत कुछ तय करने वाले हैं. दोस्ती की डोर कितनी और मजबूत होगी? क्या इसमें कुछ ऐंठन तो नहीं आ जाएगी? ट्रंप की ताबड़तोड़ ने दुनिया में हड़कंप मचा रखा है. गाजा से लेकर मैक्सिको की खाड़ी ( गूगल पर अब आप इसे अमेरिका की खाड़ी पढ़ रहे होंगे) तक. अपनी सरकार के शुरुआती ओवरों में ही ट्रंप सबकुछ बटोर लेने की चाहत लिए दिख रहे हैं. तो कुल मिलाकर माहौल में टेंशन घुली हुई है. जिसे आप दुनिया के हिचकोले खाते शेयर बाजारों में भी देख सकते हैं. ऐसे वक्त में पीएम मोदी अमेरिका में हैं. वह 36 घंटे अमेरिका में रहेंगे. पीएम मोदी और ट्रंप की केमिस्ट्री वैसे तो गजब की रही है, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति का नया ‘अवतार’ चौंका रहा है. MAGA के नारे और अमेरिका को फिर महान बनाने के वादे के साथ वह सत्ता में आए हैं. और आते ही हर वह फैसला ले रहे हैं जो अमेरिका के हित में है. साम, दाम, दंड, भेद के साथ. एक चतुर कारोबारी की तरह. प्रवासियों को वापस भेजने से लेकर मेक इन अमेरिका और टैरिफ बढ़ाने तक. ऐसे में इस रिश्ते का भी इम्तिहान है. ऐसे में पीएम मोदी अमेरिका से क्या-क्या निकाल ले जाएंगे, शुक्रवार सुबह से इसका विश्लेषण होगा. कूटनीतिक चातुर्य और रिश्तों की गर्मजोशी से काम निकाल ले जाने में पीएम मोदी माहिर रहे हैं. पीएम मोदी के इस ‘मिशन 36’ में कुछ ऐसी कड़ियां हैं, तो उनका काम आसान कर सकती हैं. जानिए कौन हैं वे चेहरे और क्या है वह कनेक्शन, जो भारत-अमेरिका की दोस्ती में गर्माहट भर सकते हैं…
तुलसी गबार्ड से ही क्यों सबसे पहले मिले पीएम मोदी?
अमेरिका पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी पहली औपचारिक आधिकारिक बैठक में अमेरिका के राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड से मुलाकात की. भारतीय मूल की तुलसी गबार्ड को बुधवार को अमेरिका की डायरेक्टर ऑफ नेशनल इंटेलिजेंस बनाए जाने की पुष्टि की गई. बुधवार रात बैठक के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘उन्हें उनकी नियुक्ति पर बधाई. भारत-अमेरिका मित्रता के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की, जिसकी वह हमेशा से प्रबल समर्थक रही हैं.’ बुधवार को सीनेट में देश की शीर्ष खुफिया पद के लिए हुए मतदान में गबार्ड ने जीत हासिल की और प्रधानमंत्री मोदी से मिलने से कुछ घंटे पहले ही शपथ ली. गबार्ड एक अमेरिकी हिंदू हैं, उनके विरोधियों में से कुछ ने उनके खिलाफ अपने अभियान में उनके धर्म का इस्तेमाल किया. प्रतिनिधि सभा में अपने 11 वर्षों के कार्यकाल के दौरान, वह भारत की प्रबल समर्थक रहीं. उन्होंने हाउस इंटेलिजेंस सब-कमेटी और सशस्त्र बल समिति में भी काम किया. वह डेमोक्रेटिक पार्टी की सदस्य रहीं और बाद में ट्रंप की सहयोगी बन गईं. ऐसे में तुलसी गेबार्ड, पीएम मोदी के दौरे की अहम कड़ी साबित हो सकती हैं.
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जेडी वेन्स-उषा वेन्स से पेरिस में दिखी गजब की केमिस्ट्री
प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को पेरिस में एआई एक्शन शिखर सम्मेलन के इतर अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और उनकी भारतीय मूल की पत्नी उषा व बेटों इवान और विवेक से मुलाकात की. मोदी ने वेंस परिवार के साथ मुलाकात की तस्वीरें ‘एक्स’ पर पोस्ट कीं. उन्होंने लिखा, ‘अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और उनके परिवार के साथ एक शानदार मुलाकात हुई. हमने विभिन्न विषयों पर बहुत अच्छी बातचीत की. उनके बेटे विवेक के जन्मदिन के जश्न में शामिल होकर बहुत खुशी हुई.’ पीएम मोदी, जेडी वेन्स-ऊषा वेन्स के बेटे विवेक वेंस के लिए लकड़ी का रेलवे खिलौना सेट ले गए थे. इस खिलौने को लकड़ी से तैयार किया गया है और पर्यावरण के अनुकूल वनस्पति रंगों से इसे रंगा गया है. उपराष्ट्रपति के दूसरे बेटे इवान ब्लेन वेंस को उन्होंने भारतीय लोक चित्रकला पर आधारित जिगसॉ पजल उपहार में दिया. यह पजल विभिन्न लोक चित्रकला शैलियों को प्रदर्शित करता है और भारत की समृद्ध कलात्मक विरासत को दिखाता है. पीएम मोदी की जेडी वेन्स-ऊषा वेन्स के साथ मुलाकात के दौर अलग की केमिस्ट्री नजर आई. ये केमिस्ट्री अब अमेरिका में भी देखने को मिले, तो कोई बड़ी बात नहीं होगी.
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सैम ऑल्टमैन मानते हैं, भारत AI का एक बड़ा बाजार
दुनिया की बड़ी टेक कंपनियों के शीर्ष अधिकारी एआई क्षेत्र में भारत की बढ़ती हुई क्षमता को पहचान रहे हैं. पेरिस में एआई एक्शन समिट में ओपनएआई के सीईओ, सैम ऑल्टमैन ने कहा, ‘भारत एआई का एक बड़ा बाजार है. साथ ही हमारी कंपनी के लिए दूसरी सबसे बड़ी मार्केट है. बीते एक वर्ष में यहां हमारे यूजर्स की संख्या तीन गुना बढ़ी है. भारत के लोग स्टैक, चिप, मॉडल और कई असाधारण एप्लीकेशन बना रहे हैं. एआई क्रांति में भारत को एक लीडर के रूप में उभरना चाहिए.’ सैम ऑल्टमैन जानते हैं कि भारत में मोदी सरकार AI के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है. ऐसे में सैम ऑल्टमैन जरूर चाहेंगे कि भारत और अमेरिका और नजदीक आएं.
काश पटेल का झुकाव…
भारतीय मूल के पूर्व वकील काश पटेल को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एफबीआई (FBI) हेड नियुक्त किया है. काश पटेल का पूरा नाम कश्यप प्रमोद पटेल है, उनके माता-पिता सालों पहले गुजरात से अमेरिका बस गए थे. इस लिहास से पीएम मोदी और भारत के प्रति उनका झुकाव होना लाजिमी है. हालांकि, काश पटेल को ‘डीप स्टेट’ के खिलाफ अपने आक्रामक रुख के लिए जाना जाता है.
एलन मस्क बता चुके हैं खुद को मोदी का फैन
अमेरिकी उद्योगपति एलन मस्क मोदी के मुरीद हैं. वह कई मंच पर इस बात को स्वीकार कर चुके हैं. ऐसे में एलन मस्क से पीएम मोदी के रिश्ते अमेरिका में काफी मददगार साबित हो सकते हैं. कुछ समय पहले एलन मस्क ने कहा था, ‘पीएम मोदी भारत में बहुत अच्छा काम कर रहे हैं. वह वास्तव में भारत की परवाह करते हैं. वह हमें भारत में बड़े निवेश करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं. मैं उनका बड़ा फैन हूं…!
बता दें कि अमेरिका के नए ‘अमेरिका फर्स्ट’ व्यापार एजेंडे और उसकी आव्रजन नीति को लेकर भारत में व्याप्त चिंताओं के बीच प्रधानमंत्री मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ महत्वपूर्ण वार्ता करेंगे. ट्रंप बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री की मेजबानी करेंगे. ट्रंप के पिछले महीने दूसरी बार राष्ट्रपति बनने के बाद दोनों नेताओं के बीच यह पहली द्विपक्षीय वार्ता होगी. दोनों नेताओं के बीच हिंद-प्रशांत, यूक्रेन और पश्चिम एशिया के घटनाक्रम की समग्र स्थिति पर भी चर्चा होने की संभावना है.
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