मुंबई के बाद सबसे विकट संक्रमण की चपेट में है इंदौर
मध्यप्रदेश सरकार नहीं कर पाई कंट्रोल तो दिल्ली से भेजे विशेषज्ञ
केंद्र सरकार की सीधी निगरानी वाला पहला शहर बना इंदौर
इंदौर। मुंबई के बाद कोरोना महामारी को लेकर सबसे संवेदनशील शहर इंदौर की कमान अब केंद्र सरकार की विशेष टीम अपने हाथ मे लेगी। मध्यप्रदेश सरकार अपनी तमाम कोशिशों के बावजूद इंदौर की स्थिति को कंट्रोल नहीं कर सकी है।
दिल्ली से भेजी गई विशेष टीम आज शाम इंदौर पहुंच कर कोविड-19 से लड़ाई का मोर्चा संभाल लेगी। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खुद स्पेशल टीम के आने की जानकारी दी है। शिवराज ने कहा है कि इंदौर में हमारे साथ Covid-19 की लड़ाई में सहयोग हेतु केंद्र द्वारा एक विशेष टीम भेजी गई है।
शिवराज ने कहा कि हम इस टीम का स्वागत करते हैं और उनके सुझावों से हमें इंदौर में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने में जल्द से जल्द सफलता मिलेगी। उन्होंने टीम भेजने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन का आभार जताया है।
मैं आभारी हूँ हमारे प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी का जो हमारा नेतृत्व कर रहे हैं और प्रदेश के साथ हमेशा खड़े रहे हैं। मैं देश के गृहमंत्री श्री @AmitShah जी का और स्वास्थ्य मंत्री श्री @drharshvardhan जी का भी आभारी हूँ, जो हमारे साथ कंधे से कंधा मिलाकर लड़ रहे हैं।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) April 20, 2020
इंदौर में कोरोना ने ली 50 की जान
इंदौर में अब तक 902 कोरोना पॉजिटिव मिल चुके हैं। इस बीमारी से तीन डॉक्टर सहित 50 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि मध्यप्रदेश में कुल कोरोना मौत की संख्या 72 है। कल ही कोरोना का उपचार करा रहे एक थाना प्रभारी देवेंद्र सिंह चंद्रवंशी की अरविंदो अस्पताल में मौत हो गई थी। चंद्रवंशी की दो कोविड रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद उन पर रिवर्स अटैक होने का अनुमान है। अस्पताल ही नहीं इंदौर की जेल तक कोरोना संक्रमण पहुंच चुका है।
इसलिए असफल हुई शिवराज सरकार
घनी आबादी वाला इंदौर शहर भले ही लगातार देश का सबसे स्वच्छ शहर होने का खिताब जीतता रहा हो। कोरोना के मामले में वह देश के सबसे संक्रमित शहरों में अव्वल बनता जा रहा है। इसकी मुख्य वजह इंदौर की कोरोना प्रभावित बस्तियों में पर्याप्त सेनिटाइजेशन और जांच न हो पाना है। इंदौर में पर्याप्त जांच सुविधा और PPE सहित उपकरणों की कमी भी मुख्य कारण है। समय और जांच न होने से संक्रमण बढ़ता गया। लोग लॉक डाउन का भी पूरी तरह पालन नहीं कर रहे हैं। जनता कर्फ्यू के दिन भी इस शहर के लोग सड़क पर जश्न मनाने से बाज नहीं आए थे।
शिवराज ने बदले थे कलेक्टर
और इंदौर आईजी
कोरोना का संक्रमण बढ़ता देख मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इंदौर के कलेक्टर और आईजी को बदला था। नए जिलाधिकारी और पुलिस प्रमुख भी इंदौर की स्थिति को काबू में नहीं कर पाए। शहर में पुलिस तथा मेडिकल टीम पर हमले की कई घटनाएं भी हो चुकी हैं। इसलिए अब केंद्र सरकार ने कोरोना से निपटने की कमान अपने हाथ मे ली है।
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