Thursday, December 26, 2024
HomeBreaking Newsहार्टअटैक से मरने वाले राहत इंदौरी अकेले नहीं हैं, कोरोना पीड़ित युवकों...

हार्टअटैक से मरने वाले राहत इंदौरी अकेले नहीं हैं, कोरोना पीड़ित युवकों की भी दिल का दौरा पड़ने से गई जान

नोजवानों की हार्टअटैक से मौत का कारण कोरोना तो नहीं

छतरपुर के दो युवकों और एक युवती की हो चुकी है मृत्यु

चिकित्सक की राय में संदिग्ध हैं ये मामले

धीरज चतुर्वेदी, छतरपुर

देश के विख्यात शायर राहत इंदौरी की कोरोना संक्रमित होने के बाद हार्ट अटैक से मौत ने कोविड-19 संक्रमण को लेकर नए सवाल खड़े कर दिए हैं। राहत इंदौरी की तरह कई नौजवान कोरोना मरीजों की भी हार्ट अटैक से मौत ने चिकित्सा जगत को संशय में डाल रखा है।

छतरपुर शहर मे युवाओं कि हार्ट अटैक से होने वाली मृत्यु मे एक नाम ओर जुड़ गया। विश्वनाथ कॉलोनी निवासी 25 साल के पिक्कू विश्वकर्मा कि सोमवार कि रात्रि हार्ट अटैक से मौत हो गई। कोरोना काल मे यह तीसरा मामला है जिसमे नौजवान कि हार्ट अटैक से मौत हुई हो। चिकित्सक इस तरह कि मृत्यु को संदिग्ध मानते है। भारत सरकार कि गाइड लाइन मे भी इस तरह के मामलो को कोरोना से जोड़कर जाँच करनी चाहिए।


दीवारों पर पीओपी का काम करने वाले कारीगर 25 साल के पिक्कू विश्वकर्मा कि हार्ट अटैक से सोमवार कि रात्रि हुई मौत को भले ही साधारण मान लिया जाये लेकिन चिकित्सक के मत मे इसे कोरोना संक्रमण से अलग कर नहीं देखा जा सकता। विश्वनाथ कॉलोनी का निवासी पिक्कू पूरी तरह स्वस्थ था। जानकारी अनुसार पिक्कू के अलावा भी कई कम उम्र के युवाओं कि मौत हुई है। पिछले माह ग़ल्ला मंडी निवासी 40 साल के कमलेश सोनी कि मृत्यु का कारण भी हार्ट अटेक रहा। कमलेश को सर्दी जुखाम के लक्षण थे। जिसका इलाज कराता रहा ओर 17 जुलाई को उसकी हार्ट अटेक से मौत हो गई। इस घटना के अगले दिन ही शिक्षा महाविद्यालय छतरपुर मे शिक्षिका मैडम सूद कि 37 साल कि पुत्री ऋचा कि मौत हार्ट अटैक से हो जाती है। सोमवार 10 अगस्त को विश्वनाथ कॉलोनी निवासी पिक्कू सोनी कि मृत्यु का कारण भी हार्ट अटेक निकलता है।


आखिर नई पीढ़ी कि हार्ट अटैक से मौत क्या हो रही है जब इस संबंध मे चिकित्सक से बात की तो चौकाने जैसी है। नाम ना प्रकाशित करने कि शर्त पर उन्होंने बताया कि इन मृत्यु को कोरोना संक्रमण के प्रभाव से अलग नहीं किया जा सकता। डॉक्टर के मत अनुसार अगर ऐसे नोजवानो कि हार्ट सम्बन्धी बीमारी कि कोई ट्रेवल हिस्ट्री नहीं है तो कारण संदिग्ध है। ऐसे लोगो कि मृत्यु उपरांत उनका सेम्पल लेना जरुरी है। इस तरह के आदेश भारत सरकार कि गाइड लाइन मे उल्लेखित है। चिकित्सक इसे बेहद गंभीर मानते है, क्यो कि कोरोना का वायरस शरीर के किसी भी अंदरूनी हिस्से को प्रभावित कर सकता है। डॉक्टर कि राय को मोहन सिंधी कि मौत सच साबित करती है। 6 अगस्त को छतरपुर शहर के छोटी कुंजरहाटी निवासी 70 साल के मोहन सिंधी कि सागर के निजी श्री हॉस्पिटल मे मृत्यु। 22 जुलाई को उनका सेम्पल पॉजिटिव निकला था.। जिन्हे सागर मेडिकल रिफर किया गया था। उनके परिजनो ने निजी अस्पताल मे इलाज कराया। वह स्वस्थ होकर छतरपुर अपने घर आ गये। फिर से उन्हें सांस लेने कि तकलीफ बाद सागर के निजी अस्पताल ले गये। जहाँ उनकी मृत्यु हो गई। मृत्यु का कारण हार्ट अटेक बताया गया।


छतरपुर जिले मे स्वस्थ लोगो कि अचानक हार्ट अटेक से मृत्यु के अन्य मामले भी होंगे। जिन्हे प्रशासनिक तौर पर गंभीरतासे नहीं लिया जाता। कारण है कि हार्ट अटेक के बाद मृत्यु हो जाने वाले का सेम्पल पॉजिटिव आया तो आंकड़ों का हिसाब किताब बिगड़ सकता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

RECENT COMMENTS

casino online slot depo 10k bonus new member slot bet 100