- कोरोना का डर, कुआकोंडा के ग्रामीणों ने कहा- बाहर वालों को गांव में नहीं घुसने देंगे, कलेक्टर के नाम लिखा पत्र
- जिला प्रशासन द्वारा अन्य राज्यों से आने वाले लोगों के लिए जिले में 14 आस्थाई आश्रय केंद्र बनाए गए हैं
दैनिक भास्कर
Apr 01, 2020, 02:02 PM IST
नकुलनार. जिला प्रशासन द्वारा अन्य राज्यों से आने वालों के लिए जिले में 14 आस्थायी आश्रय केंद्र बनाए गए हैं। कुआकोंडा के पोटाकेबिन क्रमांक एक को भी आश्रय केंद्र बनने का आदेश जारी किया गया है। इसकी जानकारी जब ग्रामीणों को हुई तो लोगों ने पोटाकेबिन जाने वाली सड़क पर नाकेबंदी कर दी। इसके साथ ही कलेक्टर के नाम एक ज्ञापन भी ग्रामीणों ने तैयार किया।
ज्ञापन में ग्रामीणों ने लिखा है कोरोना वायरस को लेकर गांव के लोग कहीं बाहर नहीं निकल रहे हैंं। पोटाकेबिन क्रमांक 1 आबादी क्षेत्र में है। ऐसे में दूसरे राज्यों के लोगों को यहां आश्रय केंद्र न खोला जाए। ग्रामीणों ने पोटाकेबिन जाने वाली सड़क पर नाकेबंदी कर दी है। कलेक्टर से हितावर में बने पोटाकेबिन को आश्रय केंद्र बनाने की बात कही है। तहसीलदार के यहां ज्ञापन देने पहुंचे कुआकोंडा सरपंच शिवलाल नाग सहित अन्य ग्रामीणों की मुलाकात तहसीलदार से नहीं हो पाई।
इन भवनों को बनाए गए हैं आश्रय केंद्र
इस मामले को लेकर तहसीलदार विद्याभूषण राव से बात की गई तो उन्होंने कहा कि इस मामले की जानकारी कलेक्टर को दी जाएगी। दंतेवाड़ा में 14 सरकारी भवनों का अधिग्रहण किया गया है। इसमें आवासीय विद्यालय चितलूर के दो भवन, आवासीय विद्यालय गोडरे, कसोली, आवासीय विद्यालय कारली क्रमांक 1, आवासीय विद्यालय बेंगलूर, गाटम आवासीय विद्यालय कुआकोंडा, पालनार आदिवासी बालक छात्रावास दंतेवाड़ा, एकलव्य आवासीय विद्यालय भुसारास, कन्या छात्रावास बालक आश्रम नहाड़ी बुरगुम शामिल हैं।
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