Edited By Garima Singh | नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated:
भारत में कोरोना के मामले जितनी तेजी से बढ़ रहे हैं, वैसी ही बड़ी संख्या में रोगी इस वायरस की चपेट से मुक्त भी हो रहे हैं। कोरोना को हराने और इस देश से भागने की जो दृढ़ इच्छा लोगों में देखने को मिल रही है, वह चौंकानेवाली है…
देश की 7 दवा कंपनियां लगीं वैक्सीन बनाने में
-कोविड-19 की वैक्सीन (Covid-19 Vaccine)बनाने में देश की कई कंपनियां लगी हुई हैं। लेकिन जिन कंपनियों को इस दिशा में काम करते हुए लगातार सफलता मिली है, उनमें भारत बायॉटेक, इंडियन इम्यूनोलॉजिक्स, सीरम इंस्टीट्यूट, जायडस कैडिला, पैनेशिया बायॉटेक, मायनवैक्स और बायॉलिजकल-ई शामिल हैं। ये सभी फार्मा कंपनियां कोविड-19 की वैक्सीन को जल्द से जल्द लाना चाहती हैं।
-हालांकि किसी भी रोग की वैक्सीन बनने में कई साल का समय लगता है। उसके बाद जब वह वैक्सीन सभी परीक्षणों और मानकों को पास कर लेती है तो उसके उत्पादन और डिलिवरी के लिए भी कुछ महीनों का समय चाहिए होता है। लेकिन कोविड-19 (Covid-19)जिस तरह से दुनियाभर में लोगों की जान ले रही, वैज्ञानिक जल्द से जल्द इस वैक्सीन का निर्माण कर लेना चाहते हैं।
भारत में कोरोना वैक्सीन ट्रायल
हैरान रह गया एम्स
-दिल्ली एम्स में कोरोना वैक्सीन की जिस दवा से काफी उम्मीद जगी हैं, उस दवाई के ह्यूमन ट्रायल के लिए वॉलिंटियर्स की जरूरत थी। यानी ऐसे लोग जिन्हें यह वैक्सीन देकर इस बात का परीक्षण किया जा सके कि इंसान के शरीर पर यह वैक्सीन किस तरह का असर कर रही है। क्या इसके कोई साइड इफेक्ट्स तो नहीं है? क्या यह उन उद्देश्यों को पूरा कर रही है, जिनके लिए इसे विकसित किया गया है? जैसी कई बातों पर ध्यान दिया जाता है।
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-इस वैक्सीन को एम्स की एथिक्स कमिटी की ओर से ह्यूमन ट्रायल की अनुमति मिलने के बाद एक अपील जारी की गई थी, जिसमें स्वेच्छा से लोगों से इस ट्रायल का हिस्सा बनने का अनुरोध किया गया था। प्रारंभिक स्तर पर इस वैक्सीन के ट्रायल के लिए 100 लोगों की आवश्यकता है। लेकिन जैसे ही लोगों को एम्स की इस अपील के बारे में पता चला, हजार से अधिक लोग हॉस्पिटल से संपर्क कर चुके हैं।
-शोध टीम से जुड़े लोग इस बात से बहुत उत्साहित हैं कि देशवासियों को उन पर विश्वास है और साथ ही सभी देशवासी कोरोना को मिटाने के लिए एकसाथ काम करने की इच्छा रखते हैं।
एम्स की कोरोना वैक्सीन ह्यूमन वॉलंटियर बनने की शर्त
क्या है वॉलंटियर बनने की शर्त?
-कोरोना वैक्सीन के लिए ह्यूमन ट्रायल में वॉलंटियर बनने की पहली शर्त यह है कि व्यक्ति को कोरोना संक्रमण ना हो और ना ही पहले हुआ हो।
-इसके अतिरिक्त कई अन्य मेडिकल जांच की जाएंगी। साथ ही कुछ जांच के लिए ब्लड सेंपल्स लिए जाएंगे। जिन लोगों की सभी रिपोर्ट्स नॉर्मल आएंगी उन्हें एम्स की कोरोना वैक्सीन के ह्यूमन ट्रायल में वॉलंटियर बनने की अनुमति दी जाएगी।
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